पोर्टल पर प्राप्त होने वाला डेटा देश में ही स्थापित सर्वर पर रखा जायेगा और यह देश की सीमा से बाहर नहीं जायेगा. इस पोर्टल पर सिर्फ देसी सामानों की ही बिक्री होगी. ई- कॉमर्स के बढ़ते प्रभाव से प्रभावित देश के व्यापारियों को मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से कैट यह पोर्टल दिसंबर माह के पहले सप्ताह में लांच करेगी. जिसपर तेजी से कार्य चल रहा है.
मालूम हो कि चीन के साथ भारत के बिगड़ते रिश्ते को देखते हुए कैट ने चीनी सामानों के बहिष्कार को लेकर देशभर में मुहिम शुरू किया. देश के व्यपारियों ने इसका पूरा समर्थन किया. देशी व्यापारियों को ऑनलाइन मार्केटिंग (online marketing) से मिल रही चुनौतियों से उबारने और स्वदेशी का नारा लेकर कैट ने भारत-ई-मार्केट पोर्टल लांच करने की परियोजना तैयार की.
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श्री अग्रवाला ने बताया कि इस पोर्टल में अत्याधुनिक तकनीक, डिलीवरी सिस्टम, सामन का क्वालिटी कंट्रोल, डिजिटल भुगतान आदि विशिष्ट तकनीकों का पूरा इस्तेमाल किया गया है. दशहरा के उपलक्ष्य पर इस पोर्टल के प्रतीक चिह्न 30 अक्टूबर को लांच करने की घोषणा की गयी. इससे देश के व्यापारी काफी उत्साहित हैं.
पोर्टल में निर्माता से लेकर आखिरी उपभोक्ता तक की वर्तमान व्यवसाय पद्धति जो अभी ऑफलाइन में चल रही है, उसका एलेक्ट्रॉनिकीकरण किया जायेगा. इस पोर्टल के जरिये अब भारत के व्यापारियों की दुकानें 24 घंटे खुली रहेंगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकल पर वोकल (Vocal on local) और आत्मनिर्भर भारत (Self reliant india) के आह्वान को ई- कॉमर्स व्यापार के माध्यम से जमीनी स्तर पर कैट ने उतारने का प्रयास किया है. देश में 40 हजार से ज्यादा व्यापारिक संगठन के जरिये 7 करोड़ व्यापारी इस मुहिम से जुड़े हैं. उन्होंने उम्मीद जतायी कि यह पोर्टल विश्व में सबसे बड़ी सप्लाई चेन बनेगी.
Posted By : Samir Ranjan.