मालूम हो कि जिले में 400 सिविल डिफेंस के कर्मी रोटेशन के आधार पर कार्य करते हैं. इन्हें पानी, आग, बाढ़, भूकंप, हाई राइज रेस्क्यू का प्रशिक्षण प्राप्त है. इसके साथ ही एडवांस ट्रेनिंग के तहत इन्हें गैस रेस्क्यू, फर्स्टएड, कार्डियो पालमुनारी रेसीसेटेशन (CPR) का प्रशिक्षण भी दिया गया है. किसी के पानी में डूबने पर, आग लगने पर, भूकंप आने पर, खदान में दुर्घटना होने पर आदि आपदा और हादसों के रेस्क्यू में जिले के सिविल डिफेंस जवानों की भूमिका अहम होती है.
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रेस्क्यू के लिए कुछ ही मिनटों में पहुंचेगी टीम
सिविल डिफेंस टीम की तैनाती जिला मुख्यालय में है. किसी भी आपदा या हादसा में टीम के पहुंचने में कुछ घंटों का समय लग जाता है. इस समय को कम करने के लिए जिले के 8 प्रखंडों में 3-3 करके जवानों की तैनाती की जायेगी. 14 दिन के रोटेशन पर जवानों की तैनाती होगी. ड्यूटी के दौरान 24 घंटे सजग रहना होगा. ड्यूटी के दौरान प्रखंड के बाहर नहीं जा सकते हैं. अपने क्षेत्र में किसी भी हादसे में जिला टीम के पहुंचने के पूर्व तत्काल राहत कार्य शुरू कर देना होगा. प्रशासन का मानना है कि डूबने, आग लगने या अन्य मामले में तत्काल राहत कार्य आरंभ होने से नुकसान के परिमाण को कम किया जा सकेगा.
जिले में 10091 युवकों को मिला प्रशिक्षण
सिविल डिफेंस के कार्य के लिए वर्ष 2013 से जिला में युवकों को प्रशिक्षण देने का कार्य आरंभ हुआ. सभी 8 प्रखंड और दोनों नगरपालिका क्षेत्र से अबतक कुल 10,091 युवकों का राहत और बचाव कार्य का प्रशिक्षण दिया गया है. इन युवकों में से जो सबसे अच्छे होंगे उन्हें प्रखंड में तैनात किया जायेगा.
Posted By : Samir Ranjan.