हाथियों के गलियारे में स्ट्रीट लाइट लगाने से विवाद

इन जंगलों में हाथियों ने अपने निश्चित मार्ग बना रखे हैं, जिन्हें वन विभाग की भाषा में ‘हाथी गलियारा’ कहा जाता है.

By GANESH MAHTO | June 9, 2025 12:19 AM
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बांकुड़ा. जिस प्रकार उत्तर बंगाल के जंगल हाथियों के स्वाभाविक ठिकाने हैं, ठीक उसी तरह दक्षिण बंगाल के बांकुड़ा जिले के घने जंगलों को दलमा हाथियों का प्रमुख आवास माना जाता है. खासकर बांकुड़ा उत्तर वन प्रभाग के गंगाजलघाटी और बिष्णुपुर के पंचेत प्रभाग के सोनामुखी-जपुर रेंज के जंगलों में हाथियों की नियमित आवाजाही होती है. इन जंगलों में हाथियों ने अपने निश्चित मार्ग बना रखे हैं, जिन्हें वन विभाग की भाषा में ‘हाथी गलियारा’ कहा जाता है.

स्थानीय निवासी यह भी बताते हैं कि इस जंगल में जंगली सूअर, भेड़िये और सियार जैसे जानवर भी रहते हैं, जो रोशनी से डरते हैं. बिना वन विभाग की अनुमति के स्ट्रीट लाइट लगाने को ग्रामीणों ने पारिस्थितिक तंत्र के लिए खतरा बताया है.

वन विभाग की कार्रवाई, भाजपा ने जताया विरोध

होटल प्रबंधन की ओर से एक अधिकारी ने सफाई दी कि यहां वीआइपी और पर्यटक आते हैं, उनकी सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए लाइटें लगायी गयीं हैं. अगर वन विभाग की अनुमति नहीं है, तो लाइटें हटा ली जायेंगी. इस बीच, विष्णुपुर भाजपा जिला अध्यक्ष सुजीत अगस्ती ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सत्ताधारी दल के समर्थन से हाथी गलियारे में होटल और कारखाने बनाये जा रहे हैं. जंगल की जमीन पर अवैध कब्जा कर बस्तियां बसायी जा रही हैं, जिससे वन्यजीवों की जान पर बन आ रही है और ग्रामीणों को खतरा बढ़ गया है. उन्होंने उचित जांच की मांग करते हुए यह जानने की भी मांग की कि यह होटल आखिर किसकी जमीन पर बनाया गया है.

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