रंगों का त्योहार होली आज पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जायेगा. इस दिन लोग जम कर मस्ती करेंगे और एक-दूसरे को रंग-गुलाल मलेंगे. सदियों से पानी, गुलाल व रंग से होली खेलने की परंपरा रही है. पर बीते कुछ दशकों से रसायन वाले रंगों का चलन तेजी से बढ़ा है. ये रंग आंखों, त्वचा और बालों के लिए हानिकारक होते हैं, जो होली के रंग में भंग डालते हैं.
By AMIT KUMAR | March 13, 2025 9:44 PM
दुर्गापुर.
रंगों का त्योहार होली आज पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जायेगा. इस दिन लोग जम कर मस्ती करेंगे और एक-दूसरे को रंग-गुलाल मलेंगे. सदियों से पानी, गुलाल व रंग से होली खेलने की परंपरा रही है. पर बीते कुछ दशकों से रसायन वाले रंगों का चलन तेजी से बढ़ा है. ये रंग आंखों, त्वचा और बालों के लिए हानिकारक होते हैं, जो होली के रंग में भंग डालते हैं. इस बाबत दिशा आइ हॉस्पिटल्स के पीडियाट्रिक ऑप्थल्मोलॉजी कंसल्टेंट डॉ केतकी सूबेदार घोष कहती हैं कि आजकल होली के लिए सिंथेटिक कलर्स मार्केट में छाये हुए हैं. होली में इस्तेमाल होनेवाले रंगों का असर हमारी त्वचा व आंखों पर पड़ता है. हमारी आंखें देह का सबसे संवेदनशील हिस्सा हैं, जिनसे हम दुनिया-जहान को निहारते हैं. रंगों के त्योहार के दौरान आंखों की सुरक्षा बेहद जरूरी है.
खतरनाक हैं पानी से भरे गुब्बारे व पनीले रंग से भरी पिचकारी
साफ पानी से धोएं आंखें
पहनें सनग्लासेज
बरतें सावधानियां
2. बालों को टोपी से बांध कर बांध लें, ताकि रंग आंखों में ना जाये.
4. अपनी आंखों के चारों ओर नारियल के तेल की मोटी परतें लगाएं, क्योंकि इससे रंग आंखों को क्षति पहुंचाये बिना आसानी से निकल जायेगा.
जब रंग आंखों में चला जाये, तो क्या करें
2. कॉन्टैक्ट लेंस निकालें (यदि लगा हो): रंग को आंखों के नीचे फंसने से रोकने को अपने कॉन्टैक्ट लेंस निकालें.
4. आइ वॉश या सलाइन सॉल्यूशन का इस्तेमाल करें: यदि उपलब्ध हो, तो रंग को बाहर निकालने को आइ वॉश या सलाइन सॉल्यूशन का उपयोग करें.
जब ऐसे लक्षण दिखें, तो जायें डॉक्टर के पास
– आँखों में तेज दर्द या जलन
– आंखों में लालिमा या सूजन
– प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता बढ़ना
प्राकृतिक रंग का करें उपयोग
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