शनिवार को यहां स्टील टाउनशिप स्थित अपने आवास के कार्यालय से बर्दवान-दुर्गापुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद कीर्ति झा आजाद ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बहाने केंद्र की भाजपा नीत राजग सरकार को जम कर घेरा. कहा कि केंद्र के खुफिया तंत्र की विफलता से बैसरन में आतंकी घुसे और दो दर्जन से ज्यादा पर्यटकों को गोलियों से भून कर भाग गये.
By AMIT KUMAR | May 3, 2025 9:26 PM
दुर्गापुर.
शनिवार को यहां स्टील टाउनशिप स्थित अपने आवास के कार्यालय से बर्दवान-दुर्गापुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद कीर्ति झा आजाद ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बहाने केंद्र की भाजपा नीत राजग सरकार को जम कर घेरा. कहा कि केंद्र के खुफिया तंत्र की विफलता से बैसरन में आतंकी घुसे और दो दर्जन से ज्यादा पर्यटकों को गोलियों से भून कर भाग गये. उन्हें अविलंब खोज कर दंडित करने के बजाय यहां पाकिस्तान से जंग का माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है. हर रोज टीवी पर वायुयानों को उड़ते व युद्धक टैंकों को गुजरते हुए देखा जा रहा है, लेकिन असल में जमीन पर होता हुआ कुछ भी नहीं दिख रहा है. अभी तक एक भी आतंकी हमलावर नहीं पकड़ा गया है, कुछ आतंकी आशियानों व ठिकानों को ध्वस्त करने का दावा जरूर किया जा रहा है. आखिर केंद्र की खुफिया या गुप्तचर एजेंसियों को समय पर आतंकी घुसपैठ के सटीक इनपुट क्यों नहीं मिले. मतलब साफ है कि खुफिया-तंत्र में कई गंभीर खामियां हैं, जिनका लाभ उठाते हुए आतंकियों ने हमले के पहले बैसरन के एम्यूजमेंट पार्क की रेकी की, फिर हमला करके आंखों से ओझल हो गये. तृणमूल कांग्रेस सांसद ने फिर केंद्र सरकार पर बंगाल से भेदभाव करने का आरोप लगाया. कहा कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव हारने से हताश भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने आवास योजना सहित कई स्कीमों के बंगाल के हिस्से की राशि रोक रखी है. लेकिन यहां की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आवास योजना के रुपये अपने राजकोष से दे रही हैं.
तृणमूल सांसद कीर्ति आजाद ने तंज कसते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में बांग्लादेशी घुसपैठ की तोतारटंत करनेवालों को जम्मू-कश्मीर की घुसपैठ और आतंकी वारदात के बाद सांप सूंघ गया है. घाटी में इतनी बड़ी घुसपैठ को रोकने में केंद्र की एजेंसियां नाकाम रहीं. केंद्र को घेरते हुए सांसद ने कहा कि भाजपा के बीते 11 साल की शासनकाल में देश में कई आतंकी हमले हुए, जिनमें 40 जवान शहीद हो गये. कीर्ति आजाद के मुताबिक मौजूदा स्थिति में राष्ट्रपति को सेना को उचित आदेश देना चाहिए. आरोप लगाया कि केंद्र सरकार कैबिनेट की एक के बाद एक बैठक कर संस्थाओं के अधिकारों को छिन्न-भिन्न कर रही है.
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