डब्ल्यूबीसीएस का नया पैटर्न है अड़ंगा, ताकि सिविल सर्विस में ना आयें भाषाई अल्पसंख्यक
डब्ल्यूबीसीएस (एग्जीक्यूटिव) परीक्षा के नये पैटर्न व सिलेबस से हिंदी, उर्दू व संताली भाषा को हटाये जाने के विरोध में प्रभात खबर ने जो मुहिम छेड़ी है, उसका असर सोमवार को नॉर्थ बंगाल में दिखा. डुआर्स तराई आदिवासी स्टूडेंट्स फोरम (डीटीएएसएफ) के बैनर तले 10 आदिवासी संगठनों ने एकजुट होकर आंदोलन का बिगुल फूंक दिया और मालबाजार बस स्टैंड से रैली की शक्ल में महकमा शासक कार्यालय पहुंचे, जहां प्रदर्शन किया गया और महकमा शासक शुभम कुंडल को ज्ञापन दिया.
By AMIT KUMAR | May 26, 2025 9:27 PM
आसनसोल/सिलीगुड़ी.
डब्ल्यूबीसीएस (एग्जीक्यूटिव) परीक्षा के नये पैटर्न व सिलेबस से हिंदी, उर्दू व संताली भाषा को हटाये जाने के विरोध में प्रभात खबर ने जो मुहिम छेड़ी है, उसका असर सोमवार को नॉर्थ बंगाल में दिखा. डुआर्स तराई आदिवासी स्टूडेंट्स फोरम (डीटीएएसएफ) के बैनर तले 10 आदिवासी संगठनों ने एकजुट होकर आंदोलन का बिगुल फूंक दिया और मालबाजार बस स्टैंड से रैली की शक्ल में महकमा शासक कार्यालय पहुंचे, जहां प्रदर्शन किया गया और महकमा शासक शुभम कुंडल को ज्ञापन दिया. श्री कुंडल ने सकारात्मक आश्वासन देते हुए कहा कि वे उनकी मांगों को राज्य के उच्चाधिकारियों तक पहुंचा देंगे और इस मुद्दे को लेकर यहां की जमीनी हकीकत से भी अवगत करा देंगे. डीटीएएसएफ के संयोजक डॉ जय प्रफुल्ल लाकड़ा ने कहा कि डब्ल्यूबीसीएस (एग्जीक्यूटिव) परीक्षा में 300 नंबर का अनिवार्य पेपर को सिर्फ बांग्ला व नेपाली भाषा ही देने का नया नियम लागू कर दिया है. जबकि पुराने पैटर्न में इन दो भाषाओं के साथ हिंदी, उर्दू व संताली भाषा में भी परीक्षा देने का प्रावधान था. सरकार के इस निर्णय से डुआर्स व तराई क्षेत्रों में रहनेवाले आदिवासी बच्चे जो हिंदी माध्यम से पढ़ाई कर रहे हैं, उनके लिए यह परीक्षा में बैठना ही मुश्किल हो जायेगा, जिससे सरकारी सेवाओं में उनका प्रतिनिधित्व कम हो जायेगा. इसे लेकर ही सोमवार को मालबाजार के महकमा शासक को ज्ञापन दिया गया. उम्मीद है कि सरकार अपने निर्णय पर पुनर्विचार करेगी, अन्यथा आगे आंदोलन होगा.
आंदोलन में डुआर्स तराई के आदिवासी संगठनों की साझा हुंकार
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