हिरासत में लिये गये कुल 24 लोग, जिनमें पांच नाबालिग और 11 हो सकते हैं एजेंट
पिछले आठ दिनों के अंदर दूसरी बार बुधवार को जसीडीह-तांबरम एक्सप्रेस ट्रेन में आसनसोल में छापेमारी कर बाल तस्करी के प्रयास को आरपीएफ ने नाकाम किया. पिछले बुधवार को जीआरपी और आरपीएफ की संयुक्त छापेमारी में 11 नाबालिग बच्चों को तस्करों के चंगुल से मुक्त कराया गया था. इस बार पांच नाबालिगों को बरामद किया गया है.
By AMIT KUMAR | May 21, 2025 9:20 PM
आसनसोल.
पिछले आठ दिनों के अंदर दूसरी बार बुधवार को जसीडीह-तांबरम एक्सप्रेस ट्रेन में आसनसोल में छापेमारी कर बाल तस्करी के प्रयास को आरपीएफ ने नाकाम किया. पिछले बुधवार को जीआरपी और आरपीएफ की संयुक्त छापेमारी में 11 नाबालिग बच्चों को तस्करों के चंगुल से मुक्त कराया गया था. इस बार पांच नाबालिगों को बरामद किया गया है. इन पांच नाबालिगों के साथ कुल 24 लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिनमें से 11 पर तस्कर होने का शक है.
बुधवार अपरान्ह चार बजे तांबरम वीकली सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेन आसनसोल स्टेशन पर रुकते ही आरपीएफ की टीम पूरे ट्रेन की तलाशी में जुट गयी. उनके पास सूचना थी कि पिछले बुधवार की तरह इसबार भी इस ट्रेन से नाबालिग बच्चों को चेन्नई ले जाया जा रहा है. जांच के क्रम में जनरल चार बोगी में से कुछ बच्चे दिखे, जिनके अभिभावक नहीं थे. संदेह होने पर इनसे पूछताछ के बाद 24 लोगों ट्रेन से उतार कर कागजातों की जांच शुरू हुई.
ज्यादा रुपये का लोभ देकर गरीब घर के बच्चों को करते हैं टार्गेट
पिछली बार पकड़े गये नाबालिग बच्चों के अभिभावकों ने बताया था कि वे लोग काफी गरीब हैं. चेन्नई में पहले से काम कर रहे लोग उनसे आकर संपर्क किया और कहा कि यहां जितने पैसे दिहाड़ी का मिलता है उससे तीन गुणा अधिक पैसा वहां मिलेगा. रहने खाने-पीने की सारी व्यवस्था रहेगी. ऐसे में पैसे की लालच में बच्चों को उनके साथ भेज देते हैं. तस्करों से खुलासा हुआ कि बच्चों को वहां सिर्फ खाने पीने और रहने के साथ कुछ पैसा दिया जाता है. बाकी पैसा उनके घर भेज दिया जाता है. हर लेबर पर उन्हें एक मोटी रकम कमीशन मिलता है. इन बच्चों के साथ क्या होता है? इसकी जिम्मेदारी वे नहीं लेते हैं.
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