क्या है मामला
राजेश प्रसाद एक सितंबर, 2020 से लापता था. उसके घरवालों ने काफी तलाश की. नहीं मिलने पर 3 सितंबर, 2020 को चित्तरंजन थाने में गुमशुदी की रिपोर्ट दर्ज करायी. 4 सितंबर, 2020 की सुबह राजेश का शव स्थानीय लोगों की सूचना पर पुलिस ने चिरेका टीपीटी शॉप के निकट साल बागान जंगल से बरामद किया. इस घटना को लेकर मृतक का
बड़ा भाई रोहित प्रसाद ने 5 लोगों को नामजद आरोपी बनाकर थाने में शिकायत दर्ज करायी थी.
क्या लिखा गया शिकायत में
रोहित प्रसाद ने अपनी शिकायत में लिखा कि उसके भाई की हत्या दुश्मनी के कारण हुई है. उसने मामले में चित्तरंजन रेल नगरी के स्ट्रीट नंबर 46 आवास संख्या 4ए निवासी वीरेंद्र सिंह का पुत्र विकास सिंह, स्ट्रीट संख्या 44बी खटाल इलाका निवासी रामबालक यादव का पुत्र मंटू यादव, स्ट्रीट संख्या 50 आवास संख्या 14डी निवासी रामपलट यादव का पुत्र अभिषेक कुमार यादव उर्फ अरुण, स्ट्रीट संख्या 45 आवास संख्या 5ए निवासी भोला पासवान और सलानपुर थाना क्षेत्र के रूपनारायणपुर आमबागान इलाका निवासी दयानंद राम का पुत्र श्रीयम राम को आरोपी बनाकर शिकायत दर्ज करायी थी.
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शिकायत के आधार पर पुलिस ने चित्तरंजन थाना कांड संख्या 33/2020, तारीख 4 सितंबर, 2020 में आईपीसी की धारा 302/201 और 34 के तहत मामला दर्ज किया. शिकायत के आधार पर पुलिस ने 5 में से सलानपुर थाना क्षेत्र के श्रीयम राम के अलावा सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. अब चारों आरोपी पुलिस रिमांड में है.
दिलीप कामत की तरह राजेश की भी हुई है हत्या
चित्तरंजन रेल नगरी इलाके के स्ट्रीट संख्या 44 आवास संख्या 10सी निवासी दिलीप कामत (35 वर्षीय) 12 जुलाई, 2020 को बाइक लेकर घर से निकले और वापस नहीं लौटे. 13 जुलाई को उनकी पत्नी गौरी देवी ने पति के गुमशुदी की शिकायत चित्तरंजन थाने में दर्ज करायी. दिलीप का शव 16 जुलाई को पुलिस ने सलानपुर थाना क्षेत्र के रूपनारायणपुर पुलिस फांड़ी इलाके के लोअर केशिया में परित्यक्त पेपरमिल के पास छातीम जंगल से बरामद किया. दिलीप की हत्या पत्थर से कूच कर की गयी थी. चेहरा बुरी तरह से बर्बाद कर दिया गया था. राजेश की हत्या भी इसी तरह से हुई है. पत्थर से चेहरा बुरी तरह बर्बाद कर दिया गया था.
रणविजय का राईटहैंड माना जाता था राजेश
17 जुलाई, 2020 को चित्तरंजन रेल नगरी में हुई बलराम सिंह हत्याकांड का आरोपी रणविजय कांगड़ा के करीबी के रूप में राजेश प्रसाद की पहचान थी. रणविजय के साथ ही वह हमेशा घूमता था. कोरोना काल शुरू होने से पूर्व चित्तरंजन थाना क्षेत्र के फतेहपुर इलाके में 2 दिन में 3 दुकानों में चोरी के मामले में पुलिस ने राजेश, रणविजय और मंटू यादव को हिरासत में लिया था. राजेश को 2018 में भी पुलिस एकबार हिरासत में ले चुकी है. इलाके में यह चर्चा चल रही है कि बलराम हत्याकांड में राजेश राजदार होने के कारण उसकी हत्या कर दी गयी.
Posted By : Samir Ranjan.