बीबी कॉलेज के वनस्पति विज्ञान विभाग और एनएसएस के विद्यार्थियों ने मिलकर शहर में ”आसन” के पेड़ को फिर से जीवित करने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल की है. कॉलेज परिसर में फिलहाल पांच हजार आसन के पौधे उगाये जा रहे हैं, जिन्हें विभिन्न स्कूलों और क्लबों के सहयोग से शहर के अलग-अलग हिस्सों में लगाया जायेगा.
शहर की हरियाली और पहचान लौटाने का प्रयास
आज स्थिति यह है कि जिस पेड़ से शहर की पहचान जुड़ी है, वह खुद शहर से लगभग लुप्त हो चुका है. इस पहल का उद्देश्य न केवल आसनसोल की पुरानी पहचान को वापस लाना है, बल्कि शहर के बढ़ते प्रदूषण को भी नियंत्रित करना है. आसन के पेड़ विशेष रूप से गर्म और शुष्क जलवायु में पनपते हैं और इनमें जल संग्रहण की उच्च क्षमता होती है. इस कारण ये पर्यावरण संरक्षण में भी उपयोगी साबित होंगे.
दूसरे प्रजातियों के पौधों के साथ होगा बहुपक्षीय पौधरोपण
पश्चिम बंगाल सरकार के कृषि विभाग के सहयोग से इन पौधों को बांकुड़ा के रानीबांध से मंगाया गया है. धीरे-धीरे बीबी कॉलेज की प्रयोगशाला में भी इन पौधों को तैयार किया जाएगा. पहले चरण में जहां पांच हजार पौधे रोपे जा रहे हैं, वहीं अन्य बहुमूल्य प्रजातियों जैसे गंभार, शाल और सागौन के पौधे भी इस परियोजना में लगाये जा रहे हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है