औरंगाबाद शहर. औरंगाबाद व्यवहार न्यायालय के जिला जज अष्टम न्यायाधीश मनीष जायसवाल ने गोह थाना कांड संख्या-48/03 ,एसटीआर संख्या 30/04, 240/24 में सजा की बिंदू पर सुनवाई करते हुए तीन अभियुक्तों को सजा सुनायी है. एपीपी प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि गोह के बेरका निवासी अभियुक्त विजय पासवान, जय पासवान, कृष्णा पासवान को एक सप्ताह पूर्व इस न्यायालय द्वारा भादंवि की धारा 452, 323 में दोषी करार देते हुए बंधपत्र विखंडित कर जेल भेज दिया गया था. गुरुवार को सुनवाई करते हुए तीनों अभियुक्तों को भादंवि की धारा 452 में चार साल सश्रम कारावास और दो हजार रुपये जुर्माना लगाया गया है. भादंवि की धारा 323 में छह महीने सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है. दोनों सजाएं साथ-साथ चलेगी. अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि बेरका निवासी प्राथमिकी सूचक रामरूप दास ने 19 मई 2003 को प्राथमिकी दर्ज करायी थी. तीनों अभियुक्त मिलकर मेरा भगीना सुरेश दास को लाठी डंडे और मुक्के से मार रहे थे. तीनों ने मिलकर हमें घर से खींच कर बाहर लाया तथा लाठी से मारकर सिर फोड़ दिया, जिससे सूचक बेहोश हो गया. उसके बाद सूचक की पत्नी राजमोहनी देवी का दाहिना हाथ तोड़ दिया. हमलोगों में झगड़े की वजह पंचायत चुनाव की रंजिश थी. अभियुक्तों को 21 मई 2003 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. घटना के दो दशक बाद भरी अदालत में दोषियों को सजा सुनाई है.
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