मधुपुर व करमाटांड़ के तीन शातिर गिरफ्तार, भेजे गये हवालात
सफलता. गोपालपुर में किराये के मकान से साइबर क्राइम को दिया जा रहा था अंजाम, पुलिस ने दी दबिश
By GANESH MAHTO | May 23, 2025 10:48 PM
आसनसोल. आसनसोल साइबर क्राइम थाना पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. साइबर अपराध से जुड़े देवघर (झारखंड) जिला के मधुपुर थाना अंतर्गत दारवे गांव का निवासी चरकू मंडल, जामताड़ा (झारखंड) जिला के करमाटांड़ थाना अंतर्गत विद्यासागर गांव का निवासी सुनील कुमार मंडल और अशोक कुमार मंडल को आसनसोल के गोपालपुर इलाके में स्थित एक आवास से गिरफ्तार किया. इनलोगों के पास से सात हजार रुपये नकदी, एक मोबाइल फोन, एक बुलेट बाइक जब्त किया है. इनके मोबाइल फोन में जो सिमकार्ड मिला, उसका उपयोग तीन साइबर ठगी के मामलों में हुआ है. प्राथमिक पूछताछ में इनलोगों ने स्वीकार किया कि पिछले सात माह से वे लोग साइबर अपराध के साथ जुड़े हैं. दो माह पहले आसनसोल के गोपालपुर में एक मकान किराए पर लेकर यहीं से वे आपराधिक कांड को अंजाम दे रहे थे. साइबर क्राइम थाना के अवर निरीक्षक चंदन मिश्रा की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ कांड संख्या 43/25 में बीएनएस की धारा 318(4)/319(2)/308(2)/336(3)/340(2)/61(2) के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई. तीनों आरोपियों को अदालत में पेश किया गया. जांच अधिकारी सहायक अवर निरीक्षक शहनाज खातून ने आरोपियों के 14 दिनों की पुलिस रिमांड की अपील की. अदालत ने दस दिनों का रिमांड मंजूर किया.
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कैसे पकड़े गये सारे आरोपी
अवर निरीक्षक चंदन मिश्रा ने अपनी शिकायत में बताया कि प्रतिदिन की तरह वे प्रतिबिम्ब पोर्टल की जांच कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने देखा कि 8931831419 सिमकार्ड जिसका उपयोग तीन ठगी के मामलों में हुआ है और इसे लेकर एनसीआरपी पोर्टल में शिकायत भी दर्ज है. एक मामले में 5,610 रुपये की, दूसरे मामले में 12,000 रुपये की और तीसरे मामले में 1,37,000 रुपये की ठगी की शिकायत है. यह सिमकार्ड का लोकेशन आसनसोल के गोपालपुर इलाके में दिखा रहा है. जिसकी जानकारी उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों दी और फिर टीम बनाकर उस घर को चिन्हित किया गया, जिसमें सिमकार्ड का लोकेशन दिखा रहा था. दरवाजा खटखटाने पर एक व्यक्ति बाहर निकला, उसने अपना नाम चरकू मंडल बताया. पहले मंजिल दो और लोग सुनील मंडल तथा अशोक मंडल मिले. पूछताछ में ये लोग बार-बार अपनी बात बदल रहे थे. इनके पास से जो मोबाइल फोन बरामद हुआ उसमें उक्त नम्बर का सिमकार्ड लगा था. जिसके बाद पुलिस की पूछताछ में वे लोग अपना सारा जुर्म कबूल किया और कहा कि पिछले सात माह से इस धंधे से जुड़े हैं. पुलिस से बचने के लिए पिछले दो माह से गोपालपुर में शरण लिए हुए हैं और यहीं से अपना धंधा चला रहे हैं.
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