सात सूत्री मांगों को लेकर सरकारी कर्मचारी यूनियन ने डीएम को सौंपा ज्ञापन

पश्चिम बंगाल सरकारी कर्मचारी यूनियन, बांकुड़ा जिला शाखा की ओर से सात सूत्री मांगों को लेकर बुधवार को जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया. यूनियन के प्रतिनिधिमंडल ने यह ज्ञापन बांकुड़ा जिला मजिस्ट्रेट के माध्यम से अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट नकुलचंद्र महतो को सौंपा.

By AMIT KUMAR | May 29, 2025 9:48 PM
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बांकुड़ा.

पश्चिम बंगाल सरकारी कर्मचारी यूनियन, बांकुड़ा जिला शाखा की ओर से सात सूत्री मांगों को लेकर बुधवार को जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया. यूनियन के प्रतिनिधिमंडल ने यह ज्ञापन बांकुड़ा जिला मजिस्ट्रेट के माध्यम से अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट नकुलचंद्र महतो को सौंपा. उन्होंने प्रतिनिधियों की बातों को गंभीरता से सुना और अवैध नियुक्ति, यौन उत्पीड़न तथा पदोन्नति जैसे मामलों पर शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन दिया.

ये थीं प्रमुख मांगें

ज्ञापन में जिन सात प्रमुख मांगों को उठाया गया, उनमें 65 वर्ष की आयु के बाद भी कार्यरत पुनर्नियुक्त कर्मचारियों को सेवा से हटाया जाये, नियमित कर्मचारियों की सेवा संबंधी फाइलें केवल नियमित कर्मचारियों के ही नियंत्रण में रहें, एटीआई में टाइप टेस्ट पास करने वाले ग्रुप-डी कर्मचारियों को ग्रुप-सी में त्वरित पदोन्नति मिले, कलेक्ट्रेट परिसर में नाज़िरखाना के सामने स्थित जर्जर भवनों को गिराकर कर्मचारियों के लिए साइकिल स्टैंड बनाया जाये, कलेक्ट्रेट की महिला कर्मचारियों के लिए सुरक्षित और अनुकूल कार्य वातावरण सुनिश्चित किया जाये, कर्मचारी सहकारी ऋण समिति का शीघ्र चुनाव कराया जाये और निर्धारित समय के बाद कर्मचारियों का टेबल या अनुभाग स्थानांतरण रोका जाये.

महिला कर्मचारी के साथ यौन उत्पीड़न का आरोप

यूनियन के जिला सचिव विश्वजीत घोष ने जानकारी दी कि बांकुड़ा कलेक्ट्रेट में चार कर्मचारी ऐसे हैं जो 65 वर्ष की उम्र के बाद भी बीते चार से पांच वर्षों से कार्यरत हैं. इसे उन्होंने न केवल अवैध बल्कि अनैतिक भी बताया. उन्होंने यह भी बताया कि 3 जुलाई 2024 को कलेक्ट्रेट की एक महिला कर्मचारी के साथ कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की घटना हुई थी, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. इस मुद्दे को भी विशेष रूप से उठाया गया है.

भविष्य में भी जारी रहेगा आंदोलन

विश्वजीत घोष ने कहा, “हमने जो मुद्दे उठाये हैं वे कर्मचारियों के हितों से सीधे जुड़े हुए हैं. हमें उम्मीद है कि प्रशासन इन मांगों पर गंभीरता से विचार करेगा. यदि आवश्यक हुआ तो हमारा आंदोलन आगे भी जारी रहेगा.” प्रशासन द्वारा दी गयी प्रतिक्रिया के अनुसार, संबंधित मांगों पर जांच और उचित कदम उठाने का आश्वासन दिया गया है.

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