दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) के रघुनाथपुर थर्मल पावर प्लांट (आरपीपीएस) में बिजली उत्पादन के फलस्वरूप भारी मात्रा में निकलने वाले फ्लाइ ऐश को अब मालगाड़ी से ढोया जा रहा है. अब तक इस फ्लाइ ऐश या उड़नराख को ट्रक के माध्यम से दूसरे स्थानों पर भेजा जा रहा था. इससे आये दिन प्रदूषण फैल रहा था. इस बीच पुरुलिया जिले से लेकर पश्चिम बर्दवान के कई हिस्सों में लोगों ने इसका तीव्र विरोध भी किया था. प्रदूषण के फैलने को लेकर रघुनाथपुर थर्मल पावर प्लांट तथा दामोदर घाटी निगम के अधिकारियों को कई शिकायत भी की गयी थीं.
इस कार्य के लिए एक ठेकेदार संस्था को यह कार्य सौंपा गया है हम लोगों का अनुमान है जल्द ही अधिक संख्या में इसी पद्धति से राज्य एवं देश के विभिन्न हिस्सों में डायरेक्ट फ्लाई ऐश भेजने का कार्य आरंभ हो जाएगा. थर्मल पावर से निकले हुए फ्लाई ऐश को सीधी तरह विशेष प्रकार के बोरे में बंद कर वैगन में भरकर इसे विभिन्न स्थानों पर भेजने का कार्य आरंभ किया गया है इससे आरटीपीएस को आर्थिक लाभ भी हो रही है . इससे पहले थर्मल पावर से निकले हुए फ्लाई ऐश को पाइप के माध्यम से पावड़ा गांव से कुछ दूरी पर बनाए गए रख के तालाब में भेजा जाता था.इसके बाद उसे आरटीपीएस खुद रख तालाब को खाली करने के लिए विभिन्न संस्थाओं को रुपया प्रदान करता था ताकि इलाके में प्रदूषण न फैले.
माल गाड़ी से इस फ्लाई ऐश को सीमेंट कारखाना भेजे जाने पर एक ओर आरपीएस को आर्थिक मुनाफा हो रही है दूसरी ओर इससे प्रदूषण भी नियंत्रित हो रही प्राप्त जानकारी के अनुसार थर्मल पावर प्लांट इन रख को सीधे तौर पर विशेष तरह के बोरे में बंद किया जा रहा है जिससे उच्च क्षमता के सीमेंट तैयार होती .आरपीएस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जल्द ही इन डायरेक्ट फ्लाइ ऐश को और भी कई सीमेंट कारखाना को भेजने की कार्य की तैयारी चल रही है. रघुनाथपुर थर्मल पावर की इस पद्धति से फ्लाइ ऐश भेजने की खबर से आसपास के इलाके के साथ जिला व पड़ोसी जिला के लोगों ने संतोष जताया है.
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