Home पश्चिम-बंगाल कोलकाता उत्कर्ष बांग्ला के तहत प्रशिक्षित 10 लाख युवाओं को मिली है नौकरी: सीएम

उत्कर्ष बांग्ला के तहत प्रशिक्षित 10 लाख युवाओं को मिली है नौकरी: सीएम

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उत्कर्ष बांग्ला के तहत प्रशिक्षित 10 लाख युवाओं को मिली है नौकरी: सीएम

कोलकाता. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि शिक्षा व कौशल के मामले में पश्चिम बंगाल सबसे आगे है. हमारे मेधावी छात्र पूरे विश्व में फैले हुए हैं और कामयाबी हासिल कर रहे हैं. पश्चिम बंगाल को शिक्षा, संस्कृति, खेल से लेकर हर क्षेत्र में अग्रणी बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के लोग जानते हैं कि इस प्रमुख स्थान और विरासत को कमजोर करने वाले किसी भी खतरे का मुकाबला कैसे किया जाये. सुश्री बनर्जी यहां धनधान्य ऑडिटोरियम में स्टूडेंट्स वीक- 2025 के राज्यस्तरीय कार्यक्रम में बोल रही थीं. मुख्यमंत्री ने कहा कि नये स्कूल-कॉलेज और यूनिवर्सिटी शुरू करने के साथ हमने 500 आइटीआइ व पॉलिटेक्निक बनाये हैं, जहां टेक्निकल ट्रेनिंग दी जाती है. इसमें इंडस्ट्रीज को भी जोड़ा गया है. ‘उत्कर्ष बंगला’ में 47 लाख छात्रों को तकनीकी शिक्षा प्रदान की गयी है. जिसमें से दस लाख को नौकरी मिली है. बाकी प्रशिक्षित युवाओं को नौकरी देने की प्रक्रिया जारी है. ‘उत्कर्ष बांग्ला’ परियोजना का उद्देश्य युवाओं को आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान कर औद्योगिक क्षेत्र में कुशल बनाना है, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें. उत्कर्ष बांग्ला से उद्यमी श्रमिकों को काम पर रख सकते हैं. राज्य सरकार की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यार्थियों के समग्र विकास के लिए विवेकानंद स्कॉलरशिप से लेकर कन्याश्री, एकोश्री, सबुज साथी और स्टूडेंट स्मार्ट कार्ड जैसी योजनाएं शुरू की गयी हैं. अभी 89 लाख लड़कियों को कन्याश्री का लाभ मिल रहा है. इसको बढ़ाकर एक करोड़ तक पहुंचाने का लक्ष्य है. 81,000 छात्रों को स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड दिया गया है. अपने छात्र जीवन को याद करते हुए मुख्यमंत्री थोड़ी भावुक हो गयीं. उन्होंने कहा कि छात्र जीवन और राजनीतिक जीवन के तमाम उतार-चढ़ाव उन्होंने देखे हैं लेकिन वह दर्शाती नहीं हैं. वह केवल बंगाल के विकास के बारे में सोच रही हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि समय बदल रहा है, इसको देखते हुए एआइ, मशीन लर्निंग और डेटा साइंस जैसे नये विषय सिलेबस में जोड़े गये हैं, ताकि छात्र ग्लोबल स्तर तक पहुंच सकें. बच्चों को सीएम ने आह्वान किया कि वे कभी भी न घबरायें और न ही हताश रहें, हमेशा परिस्थिति का डटकर मुकाबला करें. रोज कुछ नया सीखें और खुद को तैयार रखें. मुख्यमंत्री ने कहा: बंगाल की भूमि एक समृद्ध सांस्कृतिक प्राणकेंद्र है, जहां कई प्रतिभाओं ने जन्म लिया है. बंगाल की प्रतिभाएं विश्व में परचम लहरा रही हैं, इसलिए मुझे गर्व है. स्टेडियम में स्टूडेंट्स-वीक प्रोग्राम में सीएम ममता बनर्जी ने संतोष ट्रॉफी जीतने वाले फुटबॉलरों को नियुक्तिपत्र व प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया. उन्होंने यह भी कहा कि बंगाल की संतोष ट्रॉफी टीम के सभी सदस्यों को विशेष कोटे के तहत जूनियर अधिकारी रैंक (असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर) में राज्य पुलिस बल में भर्ती किया जायेगा.

मुख्यमंत्री ने अपनी जन्मतिथि के बारे में क्या कहा

सीएम ने कहा: मुझे ऐसा लग रहा है जैसे मैं अभी पैदा ही नहीं हुई हूं. मैं उस दिन पैदा होऊंगी, जिस दिन मैं इस दुनिया को छोड़ दूंगी. जब मैं चलती हूं, तो मेरा दिमाग चलता है. जब मैं नहीं चलती तो दिमाग काम नहीं करता, इसलिए मैं हमेशा चलना चाहती हूं. पांच जनवरी को अपनी आधिकारिक जन्मतिथि का उल्लेख करते हुए सुश्री बनर्जी ने कहा कि वास्तव में उनका जन्म उस तारीख को नहीं हुआ था. उन्होंने स्पष्ट किया, ‘जिस तारीख का उल्लेख प्रमाण पत्र में किया गया था, वह सही नहीं थी. मेरे पिता ने जल्दबाजी में कोई तारीख दे दी थी. मैं उस वक्त बच्ची थी. एक शिक्षक ने किसी भी तारीख का उल्लेख करते हुए आवेदन पत्र भरने पर जोर दिया. हालांकि, हममें से जो लोग उस समय घर पर पैदा हुए थे, उनके जन्मदिन हमेशा रिकॉर्ड में दर्ज नहीं होते थे. हालांकि,सुश्री बनर्जी ने अपनी वास्तविक जन्मतिथि का उल्लेख नहीं किया.

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