पुलिस ने आठ आरोपियों को किया गिरफ्तार
कोलकाता. केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी से डिजिटल अरेस्ट के नाम पर 25 लाख रुपये की धोखाधड़ी का बड़ा मामला सामने आया है. शातिर ठगों के एक गिरोह ने खुद को सीबीआइ अधिकारी बताकर इस वारदात को अंजाम दिया. पुलिस ने इस मामले में हावड़ा और न्यूटाउन से आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया है. शुक्रवार को सभी आरोपियों को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 18 जून तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. पुलिस इस गिरोह के अन्य सदस्यों और इनके ठगी के नेटवर्क को खंगालने में जुटी है. भारतीय मानक ब्यूरो के उप निदेशक शौभिक सिकदर के साथ यह ठगी हुई. आरोपियों ने उन्हें पार्क स्ट्रीट के एक होटल में डिजिटल अरेस्ट कर रखा था. शिकायत के अनुसार, ठगों ने शौभिक को बताया कि उनके नाम से आये एक पार्सल में ड्रग्स मिला है और इसलिए उनके बैंक खाते की जांच करनी होगी.
उन्होंने शौभिक को पार्क स्ट्रीट के एक होटल में बुलाया और वहां उन्हें बताया कि उन्हें सीबीआइ के खाते में 25 लाख रुपये जमा करने होंगे. ठगों ने झांसा दिया कि जांच में निर्दोष पाये जाने पर यह रकम वापस कर दी जायेगी. शौभिक द्वारा पैसे जमा कराते ही सभी आरोपी गायब हो गये.
पर्णश्री थाने में शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए जांच शुरू की. खुफिया जानकारी और सबूतों के आधार पर पांच जून को न्यूटाउन के इको पार्क इलाके से तीन लोगों नरपत सिंह, राजेंद्र सोनी और हरीश कुमार को गिरफ्तार किया गया. इनसे पूछताछ के बाद हावड़ा के गोलाबाड़ी थाना क्षेत्र में छापेमारी कर पांच अन्य आरोपियों मनोहर, संग्राम सिंह, सूरज, दिलीप और जितेंद्र को भी पकड़ा गया. सभी गिरफ्तार आरोपी राजस्थान के जोधपुर के रहने वाले बताये जा रहे हैं.
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