हुगली. कश्मीर घूमने गये हुगली के केवटा टायरबागान निवासी शिक्षक चंचल दे और उनका परिवार आतंकियों की गोलीबारी से बाल-बाल बच गया है. चंचल दे कुंतीघाट के एक स्कूल में शिक्षक हैं. वह 16 अप्रैल को पत्नी और बेटे सहित 11 सदस्यीय दल के साथ कश्मीर घूमने गये थे. उनकी वापसी 28 तारीख को है. 22 अप्रैल को वह पहलगाम पहुंचे. वहां से 16 किलोमीटर दूर बैसरन वैली में आतंकी हमला हुआ, जिसमें 28 लोगों की मौत हो गयी. जिस वक्त हमला हुआ, चंचल का परिवार कार से बाहर था. रास्ते में एंबुलेंस और सेना की गाड़ियों की आवाजाही देखकर सभी घबरा गये. कुछ देर बाद ट्रैफिक जाम में फंसने के बाद वे होटल लौटे. परिवार का छोटा बेटा डर के मारे उल्टी करने लगा. वह बार-बार पूछता रहा कि इतनी सेना क्यों है. पूरे इलाके को सेना के जवानों ने घेर लिया था, चेकिंग चल रही थी. खाना-पीना मुश्किल हो गया. चंचल दे ने फोन पर बताया कि श्रीनगर कब पहुंचेंगे, इसका भी अता-पता नहीं है. चंचल के भाई तापस और भाभी बसंती दे ने कहा कि आतंकी हमले की घटना टेलीविजन पर आने पर पूरा परिवार बहुत चिंतित हो गया था. एक बच्चा भी साथ था, इसलिए डर और बढ़ गया था.
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