राज्य सरकार की पहल से लगभग एक दशक से बंद चाय बागान खुल गया है. बताया गया है कि उत्तर बंगाल के दार्जिलिंग स्थित पानीघाटा चाय बागान फिर से खुल गया है और चाय श्रमिक फिर से काम पर लौट आये हैं. बताया गया है कि राज्य सरकार ने हाल ही में चाय बागान कंपनी के साथ अनुबंध किया था और उसके अनुसार शनिवार को चाय बागान के श्रमिकों को बकाया मजदूरी का भुगतान किया गया. सिलीगुड़ी के श्रमिक भवन में आयोजित बैठक में तृणमूल कांग्रेस के चाय बागान श्रमिक संघ और कई अन्य श्रमिक संगठनों ने भाग लिया. उन्होंने उस समझौते पर भी हस्ताक्षर किये.
By BIJAY KUMAR | May 3, 2025 10:20 PM
कोलकाता.
राज्य सरकार की पहल से लगभग एक दशक से बंद चाय बागान खुल गया है. बताया गया है कि उत्तर बंगाल के दार्जिलिंग स्थित पानीघाटा चाय बागान फिर से खुल गया है और चाय श्रमिक फिर से काम पर लौट आये हैं. बताया गया है कि राज्य सरकार ने हाल ही में चाय बागान कंपनी के साथ अनुबंध किया था और उसके अनुसार शनिवार को चाय बागान के श्रमिकों को बकाया मजदूरी का भुगतान किया गया. सिलीगुड़ी के श्रमिक भवन में आयोजित बैठक में तृणमूल कांग्रेस के चाय बागान श्रमिक संघ और कई अन्य श्रमिक संगठनों ने भाग लिया. उन्होंने उस समझौते पर भी हस्ताक्षर किये. समझौते पर हस्ताक्षर के दौरान राज्य के श्रम मंत्री मलय घटक व कंपनी प्रमुख एसएस बगारिया भी मौजूद थे. इस मौके पर राज्य के श्रम मंत्री मलय घटक ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पहल पर चाय बागानों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की है और बंद चाय बागानों को खोलने के लिए विशेष पहल शुरू की गयी है. यही कारण है कि बंद चाय बागान एक के बाद एक खुल रहे हैं. पानीघाटा चाय बागान इसका एक उल्लेखनीय उदाहरण है. पानीघाटा चाय बागान सिलीगुड़ी से लगभग 32 किलोमीटर दूर मिरिक ब्लॉक में स्थित है. यह एक हजार एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है. इस बागान में 500 से अधिक श्रमिक काम करते हैं और यह अक्तूबर 2015 से बंद था.
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