आचार्य श्री तुलसी का महाप्रयाण दिवस : विसर्जन दिवस के रूप में मनाया गया
संवाददाता, कोलकाताइस अवसर पर उपस्थित धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनि जिनेश कुमार ने कहा- आचार्य तुलसी तेरापंथ धर्म संघ के नवम् अधिशास्ता थे. वे मानवता के मसीहा, शांति के मसीहा, युगदृष्टा, युगस्रष्टा, युगपुरुष, युग चिंतक थे. वे आत्मार्थी, पापभीरु, अवसरज्ञ, उपायज्ञ, अनाग्रह व सहिष्णुता की साधना करने वाले साधक थे. वे हर परिस्थिति में अपने आपको संतुलित रखते थे. आचार्य तुलसी साधारण बालक की तरह जन्म लेकर असाधारण विशेषताओं के धनी थे. वे प्रवचनकार, साहित्यकार, कुशल संगीतकार थे. वे संत भी थे, प्रशासक भी थे. उन्होंने धर्म संघ को नये-नये आयाम देकर संघ को उपकृत किया. आचार्य तुलसी ने अपने पद का विसर्जन करके अपने ही उत्तराधिकारी युवाचार्य महाप्रज्ञ को आचार्य के रूप में प्रतिष्ठित कर एक महनीय कार्य किया. कार्यक्रम का शुभारंभ तेरापंथ महिला मंडल की बहनों द्वारा तुलसी अष्टकम् के संगान से हुआ.स्वागत वक्तव्य साउथ कलकत्ता सभा के अध्यक्ष बिनोद कुमार चोरड़िया, तेरापंथ महिला मंडल साउथ कोलकाता की अध्यक्ष पद्मा कोचर ने दिया.
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