संवाददाता, कोलकाता
बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) ने तत्काल दस्तावेज एकत्र किये और इआरओ (निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी, जो पश्चिम बंगाल सरकार के कर्मचारी हैं) ने बीडीओ कार्यालयों में एइआरओ/ओसी चुनाव/कैजुअल डेटा एंट्री ऑपरेटरों को अनधिकृत पहुंच प्रदान करने की बात स्वीकार की, जिन्होंने फॉर्म छह आवेदनों का निबटान किया. विपक्ष के नेता ने कहा कि बीडीओ कार्यालयों में तैनात ओसी चुनाव और कैजुअल/दैनिक वेतनभोगी संविदा डेटा एंट्री ऑपरेटर फॉर्म छह, सात, आठ या अन्य निबटान कार्यों में शामिल रहे हैं. मतदाता सूची में फर्जी मतदाताओं को जोड़ना और लापरवाही से डेटा एंट्री ऑपरेटरों द्वारा अनधिकृत हस्तक्षेप, ममता बनर्जी के शासन में भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा है. बूथ स्तर के अधिकारियों पर रिकॉर्ड में हेराफेरी करने का दबाव, निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों द्वारा मतदाता सूची से जुड़े काम अयोग्य लोगों को सौंपना, निष्पक्ष चुनाव में भाग लेने के प्रत्येक नागरिक के अधिकार पर हमला है.
आयोग से की घटना की पूरी जांच करने की मांग
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