ओबीसी आरक्षण विवाद के कारण रिजल्ट अटका, छात्र असमंजस में
संवाददाता, कोलकाता
वेस्ट बंगाल ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (डब्ल्यूबीजेइइ) के नतीजे अब तक घोषित नहीं होने से राज्य के कई बीटेक कॉलेजों में दाखिला प्रक्रिया रुकी हुई है. परीक्षा गत 27 अप्रैल को हुई थी, लेकिन ओबीसी आरक्षण से जुड़ी कानूनी अड़चनों के चलते रिजल्ट में देरी हो रही है.
डब्ल्यूबीजेइइ स्कोर के आधार पर राज्य के 100 से ज्यादा इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिला होता है. इनमें जादवपुर विश्वविद्यालय, मकाऊट, कलकत्ता विश्वविद्यालय, एनएसएचएम, नरूला प्रौद्योगिकी संस्थान और हेरिटेज प्रौद्योगिकी संस्थान जैसे प्रमुख संस्थान शामिल हैं. इनमें 79 निजी, 24 सरकारी और एक सार्वजनिक-निजी भागीदारी वाला कॉलेज है. फिलहाल स्थिति यह है कि दाखिला प्रक्रिया की शुरुआत नहीं हो पा रही है, जिससे छात्र और अभिभावक दोनों असमंजस में हैं.
इंजीनियरिंग करियर पर असर
इंजीनियरिंग के विभिन्न क्षेत्रों जैसे सिविल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, कंप्यूटर, केमिकल और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में दाखिले के लिए डब्ल्यूबीजेइइ स्कोर आवश्यक होता है. डब्ल्यूबीजेइइ देने वाले छात्र वर्तमान में अनिश्चितता में हैं कि वे किस कॉलेज में कब और कैसे दाखिला ले पायेंगे. नतीजे की प्रतीक्षा कर रहे छात्रों का कहना है कि उन्हें भविष्य की योजना बनाने में दिक्कत हो रही है.
डब्ल्यूबीजेइइ बोर्ड की ओर से अब तक यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि रिजल्ट कब जारी होगा. लेकिन शिक्षा विभाग के सूत्रों का कहना है कि ओबीसी आरक्षण पर अदालत के फैसले के बाद ही रिजल्ट जारी किया जायेगा. छात्रों और कॉलेज प्रबंधन की मांग है कि सरकार जल्द से जल्द स्थिति स्पष्ट करे, ताकि शैक्षणिक सत्र की शुरुआत समय पर हो सके.
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