कोलकाता. पश्चिम बंगाल विधानसभा सचिवालय के सूत्रों के अनुसार, नौ जून से शुरू हो रहे माॅनसून सत्र में कई विधेयकों और महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर चर्चा होनी है. सत्र में ””ऑपरेशन सिंदूर”” में भारतीय सेना की सफलता पर भी चर्चा हो सकती है. इसके अलावा विधानसभा के इस सत्र में कुछ अन्य मुद्दों पर भी चर्चा होने की संभावना है. इसलिए, विधानसभा स्पीकर बिमान बनर्जी ने स्पष्ट किया है कि सत्र में विरोध के नाम पर बार-बार कागज फाड़ने और इसे सदन में उड़ाने की अनुमति नहीं दी जायेगी. इसलिए विधानसभा सचिवालय अब इस बात पर विचार कर रहा है कि विपक्षी पार्टी के विधायकों को विधेयक या प्रस्ताव के दस्तावेज सौंपे जाये या नहीं. विधानसभा सचिवालय को आशंका है कि तृणमूल और भाजपा विधायकों के बीच बहस हो सकती है और यहीं भाजपा विधायकों द्वारा कागज फाड़ने का मुद्दा सामने आ सकता है. विधानसभा के बजट सत्र में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी समेत भाजपा विधायकों ने बुलेटिन, विधेयक व अन्य कागजात फाड़ कर सदन में फेंका था. उस घटना के कारण विपक्ष के नेता को विधानसभा के बजट सत्र से निलंबित कर दिया गया था. शुभेंदु के निलंबन के बाद भाजपा विधायकों पर विधानसभा अध्यक्ष पर कागजात फेंकने का आरोप लगा था. इसके बाद भी जब भाजपा विधायकों ने संयम नहीं रखा तो अध्यक्ष ने सख्त कार्रवाई करते हुए भाजपा विधायकों को सत्र के दौरान कागजात देना बंद कर दिया था. जवाब में भाजपा विधायकों ने कहा कि अगर विधानसभा से कागजात नहीं दिए गए तो वे सत्र के बाहर से कागजात लेकर उसे फाड़कर विरोध जताएंगे. हालांकि बाद में स्पीकर के निर्देश पर बुलेटिन के साथ विधेयक की प्रतियां देने का काम फिर से शुरू हो गया. हालांकि विधानसभा सचिवालय सूत्रों ने बताया कि मानसून सत्र के दौरान अगर विपक्षी विधायक फिर से विधानसभा के बुलेटिन, विधेयक या जरूरी कागजात फाड़ना शुरू करते हैं तो स्पीकर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश दे सकते हैं. विधानसभा सचिवालय के एक अधिकारी के अनुसार, “अध्यक्ष विधानसभा के मुखिया होते हैं. इसलिए इस मामले में वह जो भी निर्देश देंगे, हमें उसका पालन करना होगा. अभी तक यह निर्णय नहीं हुआ है कि भाजपा विधायकों को विधानसभा सत्र का कोई कागजात नहीं दिया जाएगा. हालांकि, सत्र के दौरान उनकी गतिविधियों पर नजर जरूर रखी जायेगी.
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