
गंगाजल लेने पर नहीं रहेगी पाबंदी
प्रतिनिधि, हुगली.
गंगा (हुगली) नदी में रोजाना स्नान करना श्रद्धालुओं के लिए आम बात है, लेकिन इस वर्ष 14 और 15 मार्च को रंग लगे शरीर के साथ नदी में स्नान करने पर सख्त पाबंदी लगायी गयी है. प्रशासन का कहना है कि होली के दौरान लोग उन्मुक्त होकर जश्न मनाते हैं, नशीले पदार्थों का सेवन करते हैं, और नदी में डूबने जैसी घटनाएं अक्सर सामने आती हैं. इसके अलावा, रंगों में मौजूद हानिकारक रसायन गंगा जल को प्रदूषित करते हैं. इन तमाम कारणों को देखते हुए चुंचुड़ा थाना की ओर से माइकिंग कर लोगों को इस पाबंदी की जानकारी दी गयी है. पूजा पाठ के लिए गंगाजल लेने पर कोई पाबंदी नहीं है.
चंदननगर पुलिस कमिश्नरेट के तहत आने वाले सभी घाटों पर यह पाबंदी लागू होगी. पुलिस कमिश्नर अमित पी जवालगी के निर्देश पर चुंचुड़ा थाना प्रभारी रमाशंकर ओझा ने इस फैसले की घोषणा की है. प्रशासन का मानना है कि इस कदम से संभावित हादसों को रोका जा सकेगा और गंगा जल की पवित्रता भी बनी रहेगी.
इस मुद्दे पर हाल ही में हुगली-चुंचुड़ा नगर पालिका और पुलिस प्रशासन की संयुक्त बैठक हुई थी, जिसमें आम सहमति से यह निर्णय लिया गया था. नगर पालिका के स्वास्थ्य विभाग के चेयरमैन इन काउंसिल जयदेव अधिकारी ने बताया कि घाटों पर पुलिस बल और वालंटियर तैनात किए जाएंगे ताकि इस आदेश का कड़ाई से पालन हो.
उन्होंने कहा, होली और दोल पूर्णिमा के दौरान गंगा स्नान पर रोक लगाने का फैसला जनता की सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से लिया गया है. साथ ही, रमजान के महीने को देखते हुए भी सौहार्द बनाए रखना जरूरी है.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के संदेश को दोहराते हुए जयदेव अधिकारी ने कहा कि उत्सव सभी का होता है, लेकिन धर्म और जिम्मेदारी अपनी-अपनी होती है. हमें पर्व-त्योहारों को हर्षोल्लास से मनाना चाहिए, लेकिन इसके साथ ही नियमों का पालन करना और सामुदायिक सौहार्द बनाए रखना भी आवश्यक है.
नगर पालिका की ओर से घरों में पर्याप्त जल आपूर्ति सुनिश्चित करने का दावा किया गया है ताकि लोग अपने घरों में ही स्नान कर सकें. प्रशासन ने जनता से अपील की है कि वे सरकारी निर्देशों का पालन करें और किसी भी अप्रिय घटना से बचें.
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