मृत चचेरे भाई की पहचान पर भारत में रह रहा था बांग्लादेशी फर्जी दस्तावेज के साथ गिरफ्तार

गिरफ्तार युवक की पहचान मनीर मंडल के रूप में हुई है, जो बांग्लादेश के जयपुरहाट जिले के पंचबीबी थाना अंतर्गत कोकतारा गांव का निवासी है.

By SANDIP TIWARI | June 27, 2025 12:58 AM
an image

कोलकाता. दक्षिण दिनाजपुर जिले के हिली इलाके में पुलिस ने एक बांग्लादेशी नागरिक को गिरफ्तार किया है, जो पिछले नौ वर्षों से मृत चचेरे भाई की पहचान का इस्तेमाल कर भारत में रह रहा था. गिरफ्तार युवक की पहचान मनीर मंडल के रूप में हुई है, जो बांग्लादेश के जयपुरहाट जिले के पंचबीबी थाना अंतर्गत कोकतारा गांव का निवासी है.

हिली थाने की गुप्त जांच में यह खुलासा हुआ कि मनीर मंडल ने अपने मृत चचेरे भाई भुट्टो मंडल की पहचान का दुरुपयोग कर भारत में आधार कार्ड और मतदाता पहचान पत्र बनवा लिया था. भुट्टो की मौत जनवरी 2004 में हो गयी थी. बताया गया है कि मनीर के चाचा फकीर मंडल पहले से ही हिली के खारुन गांव में रहते थे. उनके और उनके बेटों की मृत्यु के बाद मनीर का भारत आना-जाना बढ़ गया.

फर्जी दस्तावेजों से बनवाया भारतीय पहचान पत्र : साल 2016 में मनीर ने कथित रूप से स्थानीय दलालों की मदद से भुट्टो मंडल के नाम से आधार कार्ड और वोटर आइडी बनवा ली. पहचान पत्रों में उसने पिता के स्थान पर फकीर मंडल का नाम दर्ज करवाया. इन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उसने चकगोपाल इलाके में अपने परिवार के साथ बसकर आम नागरिक जैसा जीवन जीना शुरू कर दिया. स्थानीय लोग उसे भारतीय मानते थे, लेकिन हिली पुलिस की गुप्त जांच में उसकी असली पहचान सामने आयी. जांच में पता चला कि वह अक्सर बांग्लादेश भी जाया करता था.

डीएसपी (सदर) विक्रम प्रसाद ने बताया कि मनीर मंडल को गिरफ्तार कर आठ दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा गया है. उस पर फर्जी दस्तावेज बनाने, अवैध रूप से देश में रहने और सीमा पार से तस्करी जैसे गंभीर आरोप भी लगे हैं. पुलिस सूत्रों के अनुसार, वह एक संगठित गिरोह का हिस्सा हो सकता है, जो फर्जी पहचान पत्र बनवाकर बांग्लादेशियों को भारत में बसाने का काम करता है.

प्रशासनिक चूक पर उठे सवाल

इस मामले ने प्रशासनिक लापरवाही को लेकर कई सवाल खड़े कर दिये हैं. एक मृत व्यक्ति के नाम पर आधार और वोटर कार्ड कैसे जारी हो गया? इसमें किन अधिकारियों या कर्मचारियों की भूमिका रही? क्या पंचायत या बीडीओ स्तर पर भी इस पर ध्यान नहीं दिया गया? वहीं, हिली के बीडीओ चिरंजीत सरकार ने कहा कि फिलहाल उन्हें इस मामले में कोई शिकायत नहीं मिली है. अगर शिकायत मिलती है, तो जांच की जायेगी.

सीमावर्ती इलाकों में गिरोह सक्रिय

हिली एक सीमावर्ती क्षेत्र है और लंबे समय से यहां फर्जी पहचान पत्र बनाने वाले गिरोह के सक्रिय होने के आरोप लगते रहे हैं. हाल ही में पुलिस ने ऐसे कई दलालों को गिरफ्तार भी किया है, जो बांग्लादेश से घुसपैठ कर लोगों को भारत में बसाने में मदद करते हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

संबंधित खबर और खबरें

 

 

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version