जीएसटी की व्यवस्था से सीएम दु:खित
बंगाल के मुख्यमंत्री ने कहा कि जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर जीएसटी की यह व्यवस्था उन्हें ‘गहरा दुख’ देती है और उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री से इसे तुरंत वापस लेने की मांग की है. पत्र में उन्होंने लिखा जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा योजनाओं का मुख्य उद्देश्य लोगों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है. बीमारी, दुर्घटना, मृत्यु जैसी अप्रत्याशित परिस्थितियों का शिकार व्यक्ति के परिवार की मदद करने में इस प्रकार का बीमा बहुत महत्वपूर्ण है.
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तृणमूल ने किया वॉकआउट
ममता बनर्जी ने पत्र में लिखा है कि, मुझे उम्मीद है कि आप इस फैसले को वापस लेने के लिए जरूरी कदम उठाएंगे. ताकि अधिक से अधिक लोग इस बीमा का लाभ उठा सकें. तृणमूल का दावा है कि जब सुदीप बनर्जी संसद में इस मुद्दे पर बोल रहे थे तो उनका माइक्रोफोन बंद कर दिया गया था. विरोध में तृणमूल ने वॉकआउट किया.
18 फीसदी की दर से जीएसटी से आम आदमी पर बढ़ रहा है दबाव
मुख्यमंत्री ने टिप्पणी की कि लोगों की अपनी बुनियादी जरुरतों पर जीएसटी थोपना बहुत बुरा है. बता दें कि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री और वरिष्ठ से भाजपा नेता ने हाल ही में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर जीवन बीमा और स्वास्थ्य कि बीमा से जीएसटी हटाने का अनुरोध किया था. इस पत्र के सामने आने के बाद राजनीतिक हलके में मुख्यमंत्री के इस संदेश को अहम माना जा रहा है. नितिन गडकरी ने संकेत दिया कि बीमा पर 18 फीसदी की दर से जीएसटी लगाने से आम आदमी पर दबाव बढ़ रहा है.
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