संवाददाता, कोलकाता
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को भाजपा नीत केंद्र सरकार द्वारा 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाये जाने के फैसले की आलोचना की. राज्य सचिवालय नबान्न भवन में एक संवाददाता सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा राज्य में ‘संविधान हत्या दिवस’ नहीं मनाया जायेगा.
सुश्री बनर्जी ने भाजपा पर लगातार लोकतांत्रिक संस्थाओं पर हमला करने और उसी संविधान को कमजोर करने का आरोप लगाया, जिसे वह कायम रखने का दावा करती है. सुश्री बनर्जी ने घोषणा की कि उनकी सरकार ‘संविधान हत्या दिवस’ नहीं मनायेगी. उन्होंने कहा: यह पाखंड के अलावा और कुछ नहीं है. जो लोग संविधान का सम्मान नहीं करते, वे अब इसकी शुचिता को बनाये रखने की बात कर रहे हैं. यह एक मजाक है.
गौरतलब है कि केंद्र ने 2024 में घोषणा की थी कि 1975 में देश में आपातकाल लगाने को लेकर हर साल 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाया जायेगा. इसे लेकर केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र देकर 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में पालन करने के लिए कहा था.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह से भाजपा संविधान को बदलने और कमजोर करने की कोशिश कर रही है, उसे देखते हुए हम हर दिन ‘संविधान हत्या दिवस’ मना सकते हैं. क्या भाजपा द्वारा महाराष्ट्र व बिहार में लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकारों को गिराना संविधान पर हमला नहीं था? तृणमूल प्रमुख ने कहा कि केंद्र के सत्तारूढ़ दल ने यह ठान लिया है कि लोकतंत्र के सभी स्तंभों, चाहे वह निर्वाचन आयोग हो या मीडिया, वह कमजोर हो. जिस तरह से उन्होंने नोटबंदी के नाम पर देश की अर्थव्यवस्था को नष्ट कर दिया, उसकी वजह से आठ नवंबर को ‘अर्थव्यवस्था विनाश दिवस’ के रूप में भी मनाया जाना चाहिए. केंद्रीय नेतृत्व पर कटाक्ष करते हुए सुश्री बनर्जी ने सवाल किया: देश का प्रधानमंत्री कौन है, नरेंद्र मोदी या अमित शाह? ऐसा लगता है कि अमित शाह देश चला रहे हैं.
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