कोलकाता. अगले विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के जिला संगठन स्तर पर बड़ा बदलाव होने की संभावना है. प्रदेश भाजपा के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कई सांगठनिक जिलों के अध्यक्षों को हटाया जा सकता है. प्राथमिक चरण में सात जिला अध्यक्षों को उनके पद से हटाया जा सकता है. सूत्रों के मुताबिक इन जिला अध्यक्षों के खिलाफ लिखित शिकायत की गयी है. भाजपा सूत्रों के मुताबिक 15 अगस्त तक 43 संगठनात्मक जिलों में जिला समितियां बनाने के निर्देश दिये गये हैं. पहले जिला समितियों का गठन होगा और फिर प्रदेश समिति का गठन किया जायेगा. इस साल मई तक, भाजपा ने अपने 43 संगठनात्मक जिलों में से 39 के जिला अध्यक्षों के नामों की घोषणा कर दी है. हालांकि, जैसे ही जिला अध्यक्षों के नाम सार्वजनिक हुए, बूथ और मंडल स्तर पर भाजपा में आपसी विवाद की घटनाएं सामने आयी थीं. केंद्रीय भाजपा नेतृत्व ने आपसी विवादों को दूर कर संगठनात्मक ताकत को मजबूत करने के लिए बार-बार निर्देश और सुझाव दिये हैं. दूसरी ओर, कई संगठनात्मक जिलों में भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों द्वारा भाई-भतीजावाद के आरोप लगाए गए हैं. भाई-भतीजावाद के आरोपों के साथ, तृणमूल के साथ संबंधों के आरोप भी जुड़ गये हैं. इन सभी आरोपों के आधार पर, प्रदेश भाजपा में सात संगठनात्मक जिलों के अध्यक्षों को बदलने की संभावना प्रबल हो रही है.
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