नदिया जिले की राणाघाट नगरपालिका द्वारा संचालित एक स्वास्थ्य केंद्र में एक गर्भवती महिला को एक्सपायर्ड दवा दिये जाने के बाद हड़कंप मच गया था. अब इस घटना में एक नया मोड़ आ गया है. स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि जिस बैच नंबर की एक्सपायर हो चुकी दवा की तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट की गयी थी, उसकी आपूर्ति पिछले चार वर्षों में नदिया जिले में कहीं भी नहीं हुई है.
इन टिप्पणियों से अब सवाल उठने लगे हैं कि क्या इन आरोपों के पीछे नगरपालिका को बदनाम करने की कोई साजिश है? राणाघाट नगरपालिका के चेयरमैन कौशलदेव बंद्योपाध्याय ने एक संवाददाता सम्मेलन में ऐसी चिंता व्यक्त की. सूत्रों के अनुसार, राणाघाट के एक युवक ने शिकायत की थी कि सात मई को जब वह अपनी गर्भवती पत्नी के साथ जांच के लिए राणाघाट नगरपालिका संचालित स्वास्थ्य केंद्र गया, तो उसे एक्सपार्ड दवा दे दी गयी. जब युवक ने 20 मई को लिखित रूप से राणाघाट नगरपालिका को मामले की सूचना दी, तो नगरपालिका ने उसे पूरे मामले की जांच का आश्वासन दिया. कथित तौर पर जैसे ही यह मामला प्रकाश में आया, पूरे राणाघाट में भारी हंगामा मच गया.
ध्यान देने वाली बात यह है कि अब उस रिपोर्ट के संदर्भ में यह प्रश्न उठता है कि क्या यह झूठा आरोप जानबूझकर षड्यंत्र के तहत लगाया गया था? हालांकि, नगरपालिका को भाजपा की ओर से कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा. वे साफ तौर पर कह रहे हैं कि राणाघाट नगर पालिका के चेयरमैन पूरी तरह से झूठ बोल रहे हैं.
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