स्पीकर ने भाजपा के चार विधायकों को सोमवार को किया था निलंबित कोलकाता. विधानसभा के मॉनसून सत्र में पार्टी के चार सदस्यों के निलंबन के खिलाफ विपक्षी भाजपा विधायकों ने मंगलवार को सत्र के अंतिम दिन सदन परिसर में धरना दिया. भाजपा विधायकों ने हाथों में तख्तियां लेकर धरना दिया और इस दौरान राज्य सरकार व विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी के खिलाफ नारेबाजी की. भाजपा विधायकों ने अध्यक्ष पर पक्षपात करने और सदन में विपक्ष की आवाज को दबाने का आरोप लगाया. मालूम हो कि राज्य विधानसभा में सोमवार को जबर्दस्त हंगामा और अराजक दृश्य देखने को मिला था, जिसके कारण अध्यक्ष (स्पीकर) बिमान बनर्जी ने मुख्य सचेतक शंकर घोष सहित भाजपा के चार विधायकों को माॅनसून सत्र से निलंबित कर दिया. हालांकि, एक दिन बाद ही मंगलवार को माॅनसून सत्र संपन्न हो गया. शंकर घोष के नेतृत्व में भाजपा के विधायक सदन की कार्यवाही से अपने दो सदस्यों का भाषण हटाये जाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. अध्यक्ष ने पहले विधायकों को अपनी सीट पर बैठने के लिए कहा, लेकिन विरोध प्रदर्शन 20 मिनट से अधिक समय तक जारी रहा. जब वे नहीं माने, तो अध्यक्ष ने सदन में अमर्यादित आचरण करने, उनके आदेशों की अवहेलना करने, माइक्रोफोन तोड़ने की कोशिश व सदन की कार्यवाही से जुड़े कागजातों को फाड़ने के आरोप में भाजपा के चार विधायकों शंकर घोष, अग्निमित्रा पाॅल, मनोज उरांव व दीपक बर्मन को मौजूदा सत्र से निलंबित करने का आदेश दिया. निलंबित होने वाले विधायकों में विधानसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक शामिल हैं. निलंबन के बाद भी जब विरोध प्रदर्शन जारी रहा, तो अध्यक्ष के निर्देश पर विधानसभा के सुरक्षाकर्मियों (मार्शलों) ने चारों विधायकों को सदन से बाहर ले जाने की कोशिश की, जिस दौरान जमकर हाथापाई हुई थी. विधानसभा अध्यक्ष ने दावा किया कि हाथापाई में 10 सुरक्षाकर्मी घायल हुए हैं.
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