प्रदेश भाजपा के महासचिव सायंतन बसु (Sayantan Basu) ने बुधवार की शाम को पार्टी कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि श्री गुरुंग 3 साल तक फरार थे. उनके खिलाफ राष्ट्रद्रोह, यूएपीए, हत्या सहित कई मामले दायर हैं. पुलिसकर्मी की हत्या के आरोप में दायर चार्जशीट भी उनका नाम है. आज गुरुंग 3 सालों तक फरार रहने के बाद कोलकाता में तृणमूल के साथ जाने की घोषणा की.
उन्होंने कहा कि यह उनका निजी निर्णय है कि वह किस पार्टी के साथ रहेंगे, लेकिन चार्जशीट के आरोपी को जमानत भी नहीं मिली है. राष्ट्रद्रोह के आरोपी हैं, तो राज्य पुलिस कैसे उन्हें छोड़ दी? क्यों नहीं उन्हें गिरफ्तार किया. उन्होंने कहा कि बीजेपी आरोप लगाते रही है कि विरोधी दल के नेताओं के खिलाफ मामला दायर कर तृणमूल कांग्रेस दबाव बनाती है, ताकि वे तृणमूल कांग्रेस को सहयोग करे.
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उन्होंने कहा कि पहले छत्रधर महतो के साथ किया और अब बिमल गुरुंग के साथ किया, लेकिन दबाव की राजनीति कर कुछ दिनों तक साथ रखा जा सकता है. सदा के लिए साथ नहीं रखा जा सकता है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री वोट की राजनीति के लिए प्रेशर टैक्टिश अपना रही हैं.
श्री गुरुंग ने स्वीकार किया है कि भाजपा ने उनकी गोरखालैंड की मांग नहीं मानी है. वह मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस से सवाल करना चाहते हैं कि क्या 3 विधानसभा क्षेत्र को जीतने के लिए मुख्यमंत्री ने बंगाल का विभाजन स्वीकार कर लिया है और गोरखालैंड की मांग मान ली हैं.राज्य सरकार व तृणमूल कांग्रेस को इसका जवाब देना होगा. भाजपा ने बंगाल विभाजन की मांग नहीं मानी है, जो तृणमूल कांग्रेस आरोप लगाते रही है.
Posted By : Samir Ranjan.