महिलाओं की ओर से संचालित एमएसएमइ का होगा सर्वे

राज्य सरकार ने विश्व बैंक द्वारा वित्तपोषित ‘रेजिंग एंड एसिलरेटिंग एमएसएमइ प्रोडक्टिविटी’ (आरएएमपी) कार्यक्रम के तहत महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने और बढ़ावा देने के लिए सभी 23 जिलों में लगभग 5,000 महिलाओं द्वारा संचालित सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमइ) का सर्वेक्षण करने का फैसला किया है. इसमें कपड़ा, जूट और फूड प्रोसेसिंग जैसे क्षेत्र शामिल होंगे.

By BIJAY KUMAR | June 4, 2025 11:08 PM
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कोलकाता.

राज्य सरकार ने विश्व बैंक द्वारा वित्तपोषित ‘रेजिंग एंड एसिलरेटिंग एमएसएमइ प्रोडक्टिविटी’ (आरएएमपी) कार्यक्रम के तहत महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने और बढ़ावा देने के लिए सभी 23 जिलों में लगभग 5,000 महिलाओं द्वारा संचालित सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमइ) का सर्वेक्षण करने का फैसला किया है. इसमें कपड़ा, जूट और फूड प्रोसेसिंग जैसे क्षेत्र शामिल होंगे.

अभियान के तहत 50 जिला स्तरीय शिविर किये जायेंगे आयोजित : बताया गया है कि इस अभियान के तहत लगभग 50 जिलास्तरीय शिविर आयोजित किये जायेंगे, जिनमें से प्रत्येक में कम से कम 100 महिलाओं को आमंत्रित किया जायेगा, ताकि उन्हें सरकारी योजनाओं, डिजिटल मार्केटिंग और वित्तीय प्रबंधन के बारे में शिक्षित किया जा सके. बताया गया है कि इन एमएसएमइ कंपनियों को बाजार तक पहुंच को सुगम बनाया जायेगा, जहां लगभग 100 एमएसएमइ को विश्व बांग्ला, तंतूजा और मंजूषा जैसे इ-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से जोड़ा जायेगा. इस संबंध में विभाग के अधिकारी ने कहा कि यह पहल महिलाओं के नेतृत्व वाले एमएसएमइ पारिस्थितिकी तंत्र को बदलने, बंगाल में आर्थिक समावेशिता और विकास को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गयी है. मार्च 2025 में, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घोषणा की थी कि भारत सरकार के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा किये गये असंगठित क्षेत्र के उद्यमों के वार्षिक सर्वेक्षण के अनुसार, बंगाल ने महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों में अग्रणी स्थान हासिल किया है

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