सीबीआइ को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देने का निर्देश

इस मामले में गिरफ्तार आयन शील को प्रवर्तन निदेशालय (इडी) के मामले में पहले ही जमानत मिल चुकी है.

By GANESH MAHTO | July 29, 2025 2:27 AM
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नगरपालिका नियुक्ति में घोटाले का मामला कोलकाता. नगरपालिका नियुक्ति घोटाले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) को दो सप्ताह के भीतर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है. इस मामले में गिरफ्तार आयन शील को प्रवर्तन निदेशालय (इडी) के मामले में पहले ही जमानत मिल चुकी है. सोमवार को सीबीआइ मामले में आयन शील की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति अतुल एस चंदूकर की पीठ ने वकील से कहा कि असली अपराधी आपका मुवक्किल है. हालांकि, वकील ने जमानत के पक्ष में तर्क दिया, जिसके बाद सीबीआइ से विस्तृत हलफनामा मांगा गया. जजों ने वकील से कहा,आपके मुवक्किल पर उत्तर पुस्तिका में हेराफेरी, अंकों में हेराफेरी और अयोग्य लोगों को नौकरी देने का आरोप है. आपका मुवक्किल असली अपराधी है. वकील ने तब अदालत से कहा कि यह शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार का मामला नहीं, बल्कि नगरपालिका नियुक्ति भ्रष्टाचार का मामला है. उन्होंने बताया कि उनके मुवक्किल को इडी मामले में जमानत मिल चुकी है और वह लगभग दो साल से जेल में हैं, इसलिए उन्हें जमानत मिलनी चाहिए. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ से जानना चाहा कि नगरपालिका में नियुक्ति भ्रष्टाचार की जांच पूरी होने में कितना समय लगेगा और अब तक कितने लोगों को गिरफ्तार किया गया है. केंद्रीय एजेंसी को यह सारी जानकारी हलफनामे के रूप में प्रस्तुत करनी होगी. सीबीआइ के वकील ने अदालत को बताया कि नगरपालिका नियुक्ति मामले की जांच जारी है और कई नये तथ्य सामने आ रहे हैं. उन्होंने तर्क दिया कि आयन शील का मामला बेहद गंभीर है, क्योंकि उसने कई लोगों की अवैध नियुक्ति की है, इसलिए उसे जमानत नहीं दी जानी चाहिए. गौरतलब रहे कि इडी ने सबसे पहले आयन शील को शिक्षक नियुक्ति घोटाले में गिरफ्तार किया था. उसके सॉल्टलेक स्थित घर की तलाशी के दौरान बड़ी संख्या में उत्तर पुस्तिकाएं (ओएमआर शीट) मिली थीं, जिससे नगरपालिका में नियुक्ति भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ. आयन शील इससे पहले सीबीआइ मामले में जमानत के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय गया था, जहां उसकी अर्जी खारिज कर दी गयी थी. अब सर्वोच्च न्यायालय ने सीबीआइ से इस मामले में हलफनामा दाखिल करने को कहा है.

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