कोलकाता. मदरसा सेवा आयोग के माध्यम से ग्रुप डी श्रेणी के कर्मचारियों की नियुक्ति का मामला एक बार फिर कानूनी पेच में फंस गया. 15 साल के लंबे कानूनी संघर्ष के बाद, कलकत्ता उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने मदरसा सेवा आयोग में ग्रुप-डी कर्मचारियों की नियुक्ति की अनुमति दे दी थी. लेकिन अब यह मामला खंडपीठ के पास चला गया है. नौकरी से वंचित अभ्यर्थियों ने खंडपीठ में याचिका दायर कर शिकायत की है कि निर्देशों की अनदेखी करके नियुक्ति संबंधी सिफारिशें दी जा रही हैं. इस मामले की सुनवाई शुक्रवार को होने की संभावना है. 2010 में वाममोर्चा कार्यकाल के दौरान मदरसों में कर्मचारियों की नियुक्ति के संबंध में एक अधिसूचना जारी की गयी थी. 2011 में, अधिसूचना के अनुसार परीक्षा आयोजित की गयी थी, लेकिन नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए हाइकोर्ट में कई मामले दायर किये गये, जिसकी वजह से नियुक्ति प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हुई है.
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