आज नियमित बेंच में मामले की सुनवाई होने की संभावना
संवाददाता, कोलकाता.
माता-पिता के बीच चल रहे तलाक के मामले के कारण एक नाबालिग बच्चा पासपोर्ट नहीं मिलने से परेशानी में पड़ गया है. इस बच्चे को जापान में आयोजित एक खेल प्रतियोगिता में हिस्सा लेने का अवसर मिला है. कोलकाता के आंचलिक पासपोर्ट कार्यालय ने स्पष्ट किया है कि जब तक बच्चे के पिता स्वयं आकर हस्ताक्षर नहीं करते, तब तक पासपोर्ट जारी करना संभव नहीं है. बच्चे को जापान भेजने के लिए तलाक का मुकदमा लड़ रही उसकी मां ने कलकत्ता हाइकोर्ट में याचिका दायर की है. जानकारी के अनुसार, बैरकपुर निवासी महिला ने 2011 में शादी की थी और 2015 में उन्हें एक पुत्र हुआ. वैवाहिक समस्याओं के चलते पति-पत्नी 2019 से अलग रह रहे हैं और उनके तलाक का मामला अदालत में विचाराधीन है.
बच्चे के पिता वर्तमान में कहां रहते हैं, इसकी जानकारी किसी को नहीं है. बच्चा कराटे में निपुण है और शिमला के एक स्कूल में पढ़ाई करता है. उसने स्कूल की ओर से कई प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है. स्कूल ने अब जापान में आयोजित होने वाली कराटे प्रतियोगिता में इस बच्चे को भेजने का निर्णय लिया है और बच्चे की मां से पासपोर्ट मांगा है. हालांकि, पासपोर्ट कार्यालय पिता की अनुपस्थिति के कारण पासपोर्ट देने से इनकार कर रहा है. बच्चे की मां ने 21 फरवरी को पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था. पासपोर्ट कार्यालय से अपेक्षित सहयोग नहीं मिलने के कारण बच्चे की मां ने कलकत्ता हाइकोर्ट के न्यायाधीश राजा बसु चौधरी की वोकेशनल बेंच में याचिका दायर की थी, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया था. अब सोमवार को नियमित बेंच में मामले की सुनवाई होने की संभावना है. बच्चे को पासपोर्ट मिल सके, इसके लिए मां ने हाइकोर्ट से गुहार लगायी है.
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