मुर्शिदाबाद हिंसा के विरोध में प्रदेश भाजपा ने राज्यभर में निकाली रैली

मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा के विरोध में शनिवार को प्रदेश भाजपा की ओर से पूरे राज्यभर में रैलियां निकाली गयीं. इसी क्रम, शनिवार को केंद्रीय मंत्री व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार के नेतृत्व में उत्तर दिनाजपुर के बालुरघाट में बीडीओ कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया गया, उसी समय भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) समर्थकों की राज्य के दक्षिण दिनाजपुर जिले में पुलिस के साथ झड़प हो गयी.

By BIJAY KUMAR | April 19, 2025 11:03 PM
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कोलकाता/बालुरघाट.

मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा के विरोध में शनिवार को प्रदेश भाजपा की ओर से पूरे राज्यभर में रैलियां निकाली गयीं. इसी क्रम, शनिवार को केंद्रीय मंत्री व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार के नेतृत्व में उत्तर दिनाजपुर के बालुरघाट में बीडीओ कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया गया, उसी समय भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) समर्थकों की राज्य के दक्षिण दिनाजपुर जिले में पुलिस के साथ झड़प हो गयी.

इस बीच, तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा पर गड़बड़ी पैदा कर ध्रुवीकरण का प्रयास करने का आरोप लगाया. तृणमूल नेता कुणाल घोष ने आरोप लगाया, ‘राज्य सरकार लोगों में विश्वास पैदा करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, वहीं भाजपा चुनावी लाभ के लिए स्थिति को खराब करने की कोशिश कर रही है. वे नहीं चाहते कि बंगाल में शांति बनी रहे, वे नहीं चाहते कि विभिन्न समुदायों के बीच सौहार्द और शांति बनी रहे.’

हिंसा पीड़ितों से मिलने से आम लोगों को रोका जा रहा : शुभेंदु

वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता शुभेंदु अधिकारी ने शनिवार को आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल सरकार ने हिंसा पीड़ितों के राहत शिविरों को प्रतिबंधित क्षेत्र में तब्दील कर दिया है और प्रशासन बाहर से आनेवाले किसी भी व्यक्ति को उनसे मिलने या उनकी दशा देखने की अनुमति नहीं दे रहा है. राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता श्री अधिकारी ने तृणमूल कांग्रेस सरकार पर हिंसा प्रभावित लोगों के प्रति ‘अमानवीय’ व्यवहार करने का भी आरोप लगाया. वरिष्ठ भाजपा नेता ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में दावा किया कि लोग, विशेष रूप से महिलाएं और बच्चे अपनी गरिमा की रक्षा के लिए धुलियान और शमशेरगंज में अपना घर-बार छोड़ने के लिए मजबूर हुए. श्री अधिकारी ने आरोप लगाया, ‘हालांकि, सरकार अपना अमानवीय चेहरा दिखा रही है और मीडिया तथा स्वयंसेवी संगठनों को विस्थापित लोगों से बातचीत करने की अनुमति नहीं दे रही है. श्री अधिकारी ने धमकी दी कि यदि मानवाधिकारों का हनन जारी रहा तो वह अदालत का दरवाजा खटखटायेंगे.

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