प्रधानमंत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र में कोरोना की टेस्टिंग बढ़ाये जाने की जरूरत है. उनका कहना था कि यदि इन 10 राज्यों में कोरोना को काबू किया गया, तो देश कोरोना के खिलाफ लड़ाई में काफी आगे हो जायेगा. उन्होंने मृत्यु दर को एक फीसदी के नीचे लाने पर जोर दिया. साथ ही कहा कि संक्रमित की पहचान अगर 72 घंटे के भीतर कर ली जाती है और संक्रमित के आसपास के सभी लोगों की जांच कर ली जाती है, तो कोरोना को काबू करना काफी आसान हो जायेगा.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) भी इस बैठक में शामिल थीं. उन्होंने कहा कि कोरोना को लेकर लोगों को आतंकित होने की जरूरत नहीं है. हालत गंभीर होने पर भी स्थिर है. उन्होंने बताया कि राज्य के सरकारी अस्पतालों में कोरोना की चिकित्सा पूरी तरह निःशुल्क है और स्वास्थ्य साथी कार्ड के जरिये 7.5 करोड़ लोगों को स्वास्थ्य का कवरेज दिया जा रहा है जो पांच लाख रुपये प्रति परिवार है.
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उन्होंने लोगों को निःशुल्क राशन दिये जाने की भी जानकारी दी. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 100 से अधिक सेफ होम हैं जहां 7 हजार से अधिक बेड हैं. राज्य की टेली मेडिसिन परिसेवा को 96 डॉक्टर 24 घंटे टोल फ्री नंबर 1800313444222 के जरिये मुहैया करा रहे हैं. इस सेवा के लिए स्नातकोत्तर पास करने वाले विद्यार्थियों का इस्तेमाल किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कोविड क्लब और आशा व स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा किये जा रहे कार्यों की भी जानकारी दी.
मुख्यमंत्री ने एक बार फिर केंद्र से राज्य के बकाया पैसों को दिये जाने की मांग की. मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी मुआवजे के तौर पर 4135 करोड़ रुपये और अन्य बकाया 53,000 करोड़ रुपये राज्य को अभी भी केंद्र से मिलना है. मुख्यमंत्री ने बताया कि 2019-20 में करेंट प्राइसेस के आधार पर देश की जीडीपी विकास दर 7.21 फीसदी थी, वहीं बंगाल की 15.04 फीसदी रही.
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि वैक्सिन के इस्तेमाल के संबंध में केंद्र सरकार ही फैसला करे कि कौन सी वैक्सिन खरीदी जाये और इस्तेमाल की जाये. इस संबंध केंद्र को गाइडलाइन देना चाहिए. मुख्यमंत्री ने केंद्र से हाई फ्लो नैसल कैन्यूलस और वेंटिलेटर्स भी मुहैया करने की मांग की.
Posted By : Samir Ranjan.