नबान्न अभियान के लिए मांगा सहयोग

आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला चिकित्सक से दुष्कर्म और उसकी हत्या की जघन्य घटना को हुए एक साल होने जा रहा है.

By AKHILESH KUMAR SINGH | August 4, 2025 1:17 AM
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आरजी कर कांड : पीड़िता के माता-पिता राजनीतिक दलों के नेताओं से मिले

संवाददाता, कोलकाताआरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला चिकित्सक से दुष्कर्म और उसकी हत्या की जघन्य घटना को हुए एक साल होने जा रहा है. पीड़िता के माता-पिता ने नौ अगस्त को ‘नबान्न अभियान’ (राज्य सचिवालय चलो अभियान) का आह्वान किया है. उनका कहना है कि पहले कोलकाता पुलिस और फिर सीबीआइ ने घटना की जांच की, लेकिन न्याय नहीं मिला. न्याय की मांग को लेकर पीड़िता के माता-पिता ने शनिवार को नबान्न अभियान का आह्वान किया है. उन्होंने तृणमूल कांग्रेस को छोड़कर सभी राजनीतिक दलों को नबान्न अभियान में शामिल होने का न्योता दिया है. जानकारी के मुताबिक, पहले पीड़िता के माता-पिता अलीमुद्दीन स्ट्रीट गये और माकपा के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम को आमंत्रित किया. बाद में विधान भवन जाकर कांग्रेस को आमंत्रित किया. हालांकि उस समय प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शुभंकर सरकार मौजूद नहीं थे. शनिवार को उन्होंने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष शमिक भट्टाचार्य से मुलाकात की. बाद में उन्होंने एसयूसीआइ के राज्य सचिव चंडीदास भट्टाचार्य से भी मुलाकात की. उन्होंने संग्रामी जमीयत मंच से भी मुलाकात की. इस पूरी प्रक्रिया में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी की भूमिका है. ऐसे में राजनीतिक दल इस अभियान में शामिल होंगे कि नहीं, यह अभी तक साफ नहीं हुआ है. सूत्रों के अनुसार शुभेंदु अधिकारी ने कहा है कि अगर बाकी राजनीतिक दल नबान्न अभियान में आयेंगे, तो वह भी उनकी तरह चलेंगे. पीड़िता के पिता ने कहा: हमने सभी राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया है. भाजपा प्रवक्ता जगन्नाथ चटर्जी ने कहा: हमें उनसे पूरी सहानुभूति है. संविधान ने हमें नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिए विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार दिया है.

क्या कहा एसयूसीआइ ने

एसयूसीआइ के राज्य सचिव चंडीदास भट्टाचार्य ने कहा: हमें उनसे (पीड़िता के माता-पिता) सहानुभूति है. पहले डॉक्टरों के आंदोलन को हमारा पूरा समर्थन था. हम बिना किसी बैनर के सभी डॉक्टरों के आंदोलनों में मौजूद रहेंगे. पीड़िता के माता-पिता ने कहा: अगर किसी को शुभेंदु अधिकारी की मौजूदगी से कोई समस्या है, तो वे कहीं और से विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं.

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