वेस्ट बंगाल मेडिकल काउंसिल के इस निर्देश पर चिकित्सकों ने जतायी कड़ी आपत्ति
संवाददाता, कोलकातानियमों के अनुसार, किसी भी सीएमई में हिस्सा लेने से पहले डॉक्टरों को डब्ल्यूबीएमसी से अनुमति लेनी होगी, जिसके लिए हर बार 200 का भुगतान करना होगा. चौंकाने वाली बात यह है कि देश के बाहर किसी अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में हिस्सा लेने वाले डॉक्टरों को क्रेडिट आवर्स के लिए अंक नहीं मिलेंगे. डॉ उत्पल बंद्योपाध्याय ने इस मुद्दे पर सवाल उठाते हुए कहा कि आयोग ने एनएमसी के दिशानिर्देशों को अनिवार्य तो कर दिया है, लेकिन यह नहीं बताया कि राज्य के दूरदराज या ग्रामीण क्षेत्रों में काम कर रहे डॉक्टर सीएमइ में शामिल होने के लिए कोलकाता कैसे आयेंगे, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में सीएमइ का आयोजन संभव नहीं है. ऐसे डॉक्टरों को छुट्टी लेकर इन कार्यक्रमों में शामिल होना पड़ेगा. उन्होंने पूछा कि क्या सरकार ऐसे चिकित्सकों को कोई विशेष सुविधा देगी?
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