वित्त अधिकारी का कार्यकाल खत्म कुलपति का पद भी खाली कामकाज ठप होने की कगार पर
वित्तीय कार्यों पर पड़ा असर
शिक्षक संघ ने सरकार पर लगाया साजिश का आरोप जादवपुर विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (जेयू टीचर्स एसोसिएशन) ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार जानबूझकर नियुक्ति में देरी कर रही है ताकि विश्वविद्यालय को नियंत्रण में लिया जा सके. संघ के महासचिव पार्थ प्रतिम रॉय ने कहा, “हमारा मानना है कि सरकार बाहर से वित्त अधिकारी को नियुक्त करना चाहती है ताकि विश्वविद्यालय की स्वायत्तता पर असर डाला जा सके. पहले एचआरएमएस (मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली) लागू करके शुरुआत की गयी थी और अब वित्त अधिकारी की नियुक्ति में देरी करके विश्वविद्यालय को आर्थिक रूप से कमजोर करने की कोशिश हो रही है.” उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इस सप्ताह के भीतर समाधान नहीं निकला, तो शिक्षक संघ अगले सोमवार से आंदोलन शुरू करेगा.
वामपंथी खेमे में बढ़ी चिंता
वामपंथी शिक्षक संघ से जुड़े सदस्यों का मानना है कि इस पूरी स्थिति के पीछे राजनीतिक दबाव है. उनका दावा है कि विश्वविद्यालय पर दबाव बनाकर बाहर से अधिकारियों की नियुक्ति की जा रही है, ताकि विश्वविद्यालय के प्रशासनिक और शैक्षणिक ढांचे को बदला जा सके.
स्थिति गंभीर, लेकिन समाधान नहीं
फिलहाल जादवपुर यूनिवर्सिटी में केवल एकमात्र स्थायी पद कुलपति का है, बाकी सभी प्रमुख पदों पर या तो कार्यवाहक अधिकारी हैं या पद खाली पड़े हैं. शिक्षक संघ का कहना है कि इस अनिश्चितता से न सिर्फ प्रशासनिक कार्य बाधित हो रहे हैं, बल्कि छात्रों, शोधकर्ताओं और शिक्षकों को भी भारी असुविधा हो रही है. विश्वविद्यालय में तेजी से फैलते इस संकट ने उच्च शिक्षा की व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया है.
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