जादवपुर यूनिवर्सिटी में नियुक्तियों को लेकर संकट, शिक्षक संघ ने दी आंदोलन की चेतावनी

वित्त अधिकारी के अलावा यह अधिकार केवल कुलपति के पास था, लेकिन अब वह पद भी रिक्त है.

By GANESH MAHTO | June 19, 2025 1:21 AM
feature

वित्त अधिकारी का कार्यकाल खत्म कुलपति का पद भी खाली कामकाज ठप होने की कगार पर

वित्तीय कार्यों पर पड़ा असर

शिक्षक संघ ने सरकार पर लगाया साजिश का आरोप जादवपुर विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (जेयू टीचर्स एसोसिएशन) ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार जानबूझकर नियुक्ति में देरी कर रही है ताकि विश्वविद्यालय को नियंत्रण में लिया जा सके. संघ के महासचिव पार्थ प्रतिम रॉय ने कहा, “हमारा मानना है कि सरकार बाहर से वित्त अधिकारी को नियुक्त करना चाहती है ताकि विश्वविद्यालय की स्वायत्तता पर असर डाला जा सके. पहले एचआरएमएस (मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली) लागू करके शुरुआत की गयी थी और अब वित्त अधिकारी की नियुक्ति में देरी करके विश्वविद्यालय को आर्थिक रूप से कमजोर करने की कोशिश हो रही है.” उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इस सप्ताह के भीतर समाधान नहीं निकला, तो शिक्षक संघ अगले सोमवार से आंदोलन शुरू करेगा.

वामपंथी खेमे में बढ़ी चिंता

वामपंथी शिक्षक संघ से जुड़े सदस्यों का मानना है कि इस पूरी स्थिति के पीछे राजनीतिक दबाव है. उनका दावा है कि विश्वविद्यालय पर दबाव बनाकर बाहर से अधिकारियों की नियुक्ति की जा रही है, ताकि विश्वविद्यालय के प्रशासनिक और शैक्षणिक ढांचे को बदला जा सके.

स्थिति गंभीर, लेकिन समाधान नहीं

फिलहाल जादवपुर यूनिवर्सिटी में केवल एकमात्र स्थायी पद कुलपति का है, बाकी सभी प्रमुख पदों पर या तो कार्यवाहक अधिकारी हैं या पद खाली पड़े हैं. शिक्षक संघ का कहना है कि इस अनिश्चितता से न सिर्फ प्रशासनिक कार्य बाधित हो रहे हैं, बल्कि छात्रों, शोधकर्ताओं और शिक्षकों को भी भारी असुविधा हो रही है. विश्वविद्यालय में तेजी से फैलते इस संकट ने उच्च शिक्षा की व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

संबंधित खबर और खबरें

 

 

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version