परीक्षा रद्द करने के दबाव के आगे नहीं झुकीं सीयू की वीसी

वीसी ने सोमवार को सिंडिकेट की बैठक में यह स्पष्ट कर दिया कि परीक्षाएं तय समय पर ही होंगी.

By SANDIP TIWARI | August 5, 2025 11:30 PM
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कोलकाता. कलकत्ता विश्वविद्यालय (सीयू) की कार्यवाहक वाइस चांसलर (वीसी) शांता दत्ता दे ने तृणमूल छात्र परिषद के स्थापना दिवस के कारण 28 अगस्त को होने वाली परीक्षाओं को स्थगित करने के उच्च शिक्षा विभाग के अनुरोध को ठुकरा दिया है. वीसी ने सोमवार को सिंडिकेट की बैठक में यह स्पष्ट कर दिया कि परीक्षाएं तय समय पर ही होंगी. इस फैसले को विश्वविद्यालय के शिक्षकों और छात्रों का भी व्यापक समर्थन मिला है. उनका कहना है कि यह निर्णय हजारों छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए लिया गया है और किसी भी राजनीतिक रैली के लिए परीक्षाओं को टाला नहीं जा सकता. सोमवार को इस फैसले के बाद वीसी शांता दत्ता दे को अकादमिक जगत में काफी सराहना मिली है. विभाग ने पत्र लिखकर बीकॉम और एलएलबी की परीक्षाओं को पुनर्निर्धारित करने का अनुरोध किया था. वीसी ने सिंडिकेट की बैठक बुलायी, जिसमें बहुमत ने परीक्षाओं को तय कार्यक्रम के अनुसार ही जारी रखने का समर्थन किया. वीसी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि किसी छात्र संगठन के स्थापना दिवस के लिए विश्वविद्यालय को पत्र लिखना अभूतपूर्व था. उन्होंने कहा कि परीक्षा को तय समय पर कराकर विश्वविद्यालय ने अपनी स्वायत्तता की रक्षा की है. उन्होंने यह भी कहा कि उस दिन सामान्य यातायात सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है. जैसा कि विपक्षी दलों द्वारा बुलायी गयी हड़ताल के दौरान होता है.

सीयू के एक प्रोफेसर ने इस फैसले की तारीफ करते हुए कहा कि वीसी ने हम सभी को सिखाया है कि एक अच्छे नागरिक की जिम्मेदारी क्या होती है. डॉक्टरेट शोधार्थी श्रेया ने इसे अभूतपूर्व बताते हुए कहा कि यह निर्णय छात्रों को अपने सिद्धांतों पर अडिग रहने की प्रेरणा देता है. उन्होंने कहा कि राज्य में खोया हुआ गौरव वापस पाने के लिए ऐसे साहस की जरूरत है.

कलकत्ता विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने भी वीसी, रजिस्ट्रार और सिंडिकेट सदस्यों का समर्थन करते हुए कहा कि हम विश्वविद्यालय के कामकाज में किसी भी तरह के हस्तक्षेप का कड़ा विरोध करते हैं. कुछ शिक्षकों ने यह भी कहा कि इस फैसले से सामान्य छात्र काफी संतुष्ट हैं, क्योंकि उनकी परीक्षा समय पर होगी. उनका मानना है कि राजनीतिक कार्यक्रमों के कारण परीक्षा स्थगित करना एक गलत परंपरा को जन्म दे सकता है.

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