कोलकाता. प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति के मामले में कलकत्ता हाइकोर्ट ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग (एनआइओएस) से डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) पास करनेवाले अभ्यर्थियों को राहत दी थी. इसे लेकर हाइकोर्ट में एक और याचिका दायर की गयी थी, जिस पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए न्यायाधीश सौगत भट्टाचार्य ने पिछले आदेश को बरकरार रखा. इससे पहले, शुक्रवार को न्यायाधीश सौगत भट्टाचार्य ने कहा था कि ओपन स्कूलिंग से पास करनेवाले अभ्यर्थियों को नियुक्ति प्रक्रिया से नहीं हटाया जा सकता. अदालत ने स्पष्ट कर दिया है कि ऐसे अभ्यर्थी भी वर्ष 2022 की प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल हो सकेंगे. प्राथमिक शिक्षा पर्षद द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के कारण डीएलएड पास अभ्यर्थियों का आवेदन रुक गया था. 30 मई को प्रकाशित विज्ञप्ति में कहा गया था कि शीर्ष अदालत में आवेदन करनेवाले अभ्यर्थी ही नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल हो सकते हैं. इस फैसले को चुनौती देते हुए वंचित अभ्यर्थियों ने हाइकोर्ट में मामला दर्ज कराया था. उनका कहना था कि शीर्ष अदालत से नियुक्ति में कोई रोक लगाने की बात नहीं कही गयी थी. पर्षद ने केवल मामलाकारियों को जरूरी समझा था. न्यायाधीश सौगत भट्टाचार्य ने स्पष्ट किया कि जिन छात्रों ने प्रतिष्ठित संस्थान से डीएलएड का प्रशिक्षण लिया है, उन्हें भी नियुक्ति प्रक्रिया में हिस्सा लेने का अधिकार है. अदालत ने यह भी कहा कि पर्षद को आवेदनकारियों के दस्तावेज की जांच करनी होगी. उन्हें लेकर एक पृथक मेधा तालिका तैयार कर नियुक्ति प्रक्रिया में उन्हें शामिल करना होगा. कलकत्ता हाइकोर्ट के न्यायाधीश सौगत भट्टाचार्य ने कहा कि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग से डीएलएड पास कर चुके योग्य अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की जांच के बाद प्राथमिक शिक्षा बोर्ड को एक अतिरिक्त मेरिट लिस्ट तैयार करनी होगी. इसके आधार पर उनकी नियुक्ति प्रक्रिया में भागीदारी सुनिश्चित की जायेगी.
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