सीएम से सवाल करने वाले प्रवासी चिकित्सक व केंद्रीय मंत्री प्रशासन के निशाने पर
साढ़े तीन घंटे तक हिरासत में रखने के बाद किये गये रिहा
घटना को लेकर सुकांत ने केंद्रीय गृह मंत्री को लिखा पत्र
संवाददाता, कोलकातादक्षिण कोलकाता के भवानीपुर में शुक्रवार शाम उस समय तनाव फैल गया, जब केंद्रीय मंत्री व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार और लंदन के डॉक्टर रजत शुभ्र बनर्जी को सड़क किनारे हुई एक संक्षिप्त बातचीत के बाद पुलिस ने हिरासत में ले लिया. केंद्रीय मंत्री मजूमदार और ब्रिटिश पासपोर्ट धारक बनर्जी को हिरासत में लिये जाने के बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हो गये. डॉ बनर्जी मूल रूप से दक्षिण कोलकाता से ताल्लुक रखते हैं. हालांकि, करीब साढ़े तीन घंटे की हिरासत के बाद दोनों को रिहा कर दिया गया. डॉक्टर बनर्जी हाल में लंदन के केलॉग कॉलेज में एक व्याख्यान के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से सवाल करके चर्चा में आये थे. इस कार्यक्रम में बनर्जी की टिप्पणियों के कारण कथित तौर पर व्यवधान उत्पन्न हुआ था. मजूमदार ने संवाददाताओं से कहा : मुझे अपनी गिरफ्तारी के पीछे का कारण नहीं पता. मैं (गिरफ्तारी के खिलाफ) अदालत का दरवाजा खटखटाऊंगा. उन्होंने कहा : मैंने इस घटना को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिख कर इसकी जानकारी दी है. मैं जानना चाहता हूं कि एक तृणमूल सांसद के आवास के बगल वाली सड़क पर इतनी सुरक्षा रखने की क्या जरूरत है, जो किसी आधिकारिक पद पर नहीं है. उस क्षेत्र में मेरी आवाजाही पर प्रतिबंध क्यों लगाया जा रहा है. बंगाल में केंद्रीय मंत्री भी सुरक्षित नहीं हैं. इससे पहले दिन में, केंद्रीय राज्य मंत्री मजूमदार पुलिस प्रतिबंधों की अवहेलना करते हुए ‘पश्चिमबंग दिवस’ (पश्चिम बंगाल दिवस) मनाने के लिए मोटरसाइकिल पर सवार होकर भवानीपुर पहुंचे. उन्होंने श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और फिर डॉ बनर्जी से मिलने के लिए हरीश मुखर्जी रोड पर स्थित उनके आवास की तरफ बढ़े. जैसे ही मजूमदार का काफिला इलाके के पास पहुंचा, पुलिस अधिकारियों ने उसे रोक लिया और दावा किया कि डॉक्टर घर पर नहीं हैं. हालांकि, इसके तुरंत बाद भाजपा द्वारा सोशल मीडिया पर जारी एक वीडियो में बनर्जी को उनके आवास पर दिखाया गया, जिससे आसपास जमा पार्टी समर्थकों में गुस्सा भड़क गया. तनाव तब और बढ़ गया, जब भाजपा कार्यकर्ताओं की पुलिस अधिकारियों के साथ तीखी बहस हुई.
बिना पुलिस को सूचित किये सार्वजनिक क्षेत्र में पहुंचे थे
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
घटना को लेकर सुकांत ने केंद्रीय गृह मंत्री को लिखा पत्र
संवाददाता, कोलकातादक्षिण कोलकाता के भवानीपुर में शुक्रवार शाम उस समय तनाव फैल गया, जब केंद्रीय मंत्री व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार और लंदन के डॉक्टर रजत शुभ्र बनर्जी को सड़क किनारे हुई एक संक्षिप्त बातचीत के बाद पुलिस ने हिरासत में ले लिया. केंद्रीय मंत्री मजूमदार और ब्रिटिश पासपोर्ट धारक बनर्जी को हिरासत में लिये जाने के बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हो गये. डॉ बनर्जी मूल रूप से दक्षिण कोलकाता से ताल्लुक रखते हैं. हालांकि, करीब साढ़े तीन घंटे की हिरासत के बाद दोनों को रिहा कर दिया गया. डॉक्टर बनर्जी हाल में लंदन के केलॉग कॉलेज में एक व्याख्यान के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से सवाल करके चर्चा में आये थे. इस कार्यक्रम में बनर्जी की टिप्पणियों के कारण कथित तौर पर व्यवधान उत्पन्न हुआ था.मजूमदार ने संवाददाताओं से कहा : मुझे अपनी गिरफ्तारी के पीछे का कारण नहीं पता. मैं (गिरफ्तारी के खिलाफ) अदालत का दरवाजा खटखटाऊंगा. उन्होंने कहा : मैंने इस घटना को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिख कर इसकी जानकारी दी है. मैं जानना चाहता हूं कि एक तृणमूल सांसद के आवास के बगल वाली सड़क पर इतनी सुरक्षा रखने की क्या जरूरत है, जो किसी आधिकारिक पद पर नहीं है. उस क्षेत्र में मेरी आवाजाही पर प्रतिबंध क्यों लगाया जा रहा है. बंगाल में केंद्रीय मंत्री भी सुरक्षित नहीं हैं. इससे पहले दिन में, केंद्रीय राज्य मंत्री मजूमदार पुलिस प्रतिबंधों की अवहेलना करते हुए ‘पश्चिमबंग दिवस’ (पश्चिम बंगाल दिवस) मनाने के लिए मोटरसाइकिल पर सवार होकर भवानीपुर पहुंचे. उन्होंने श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और फिर डॉ बनर्जी से मिलने के लिए हरीश मुखर्जी रोड पर स्थित उनके आवास की तरफ बढ़े. जैसे ही मजूमदार का काफिला इलाके के पास पहुंचा, पुलिस अधिकारियों ने उसे रोक लिया और दावा किया कि डॉक्टर घर पर नहीं हैं. हालांकि, इसके तुरंत बाद भाजपा द्वारा सोशल मीडिया पर जारी एक वीडियो में बनर्जी को उनके आवास पर दिखाया गया, जिससे आसपास जमा पार्टी समर्थकों में गुस्सा भड़क गया. तनाव तब और बढ़ गया, जब भाजपा कार्यकर्ताओं की पुलिस अधिकारियों के साथ तीखी बहस हुई.
बिना पुलिस को सूचित किये सार्वजनिक क्षेत्र में पहुंचे थे
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