इस बार कारोबार एक लाख करोड़ के आंकड़े को कर सकता है पार
राज्य भर में पूजा से जुड़े छोटे-बड़े उद्योग, कला, हस्तशिल्प, परिधान और सजावटी वस्तुएं बनाने वाले लाखों लोग इससे लाभान्वित हो रहे हैं. अनुमान है कि इससे करीब 4.8 करोड़ लोगों की आय में सीधा या परोक्ष रूप से वृद्धि होगी. बर्दवान, बांकुड़ा, बीरभूम, नदिया, मेदिनीपुर, जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार समेत विभिन्न जिलों के कलाकार, स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाएं, मूर्तिकार और कारीगर त्योहार से पहले ही उत्पादन में जुट जाते हैं. लगभग 1.5 करोड़ कामगार और महिलाएं कुटीर उद्योगों से जुड़कर अतिरिक्त आय कमा रही हैं.
कला और नवाचार का मेल
थीम कलाकार भवतोष सुतार और कुम्हारटोली के मूर्तिकार परिमल पाल मानते हैं कि अब मंडप सज्जा और मूर्तिकला पारंपरिक ढर्रे से निकलकर रचनात्मक नवाचार का हिस्सा बन चुकी हैं.
सरकार की नीतियों का असर
अपशिष्ट से आय
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