मर कर भी चार लोगों को जीवन दे गया शुभंकर

ग को महादान कहा जाता है. क्योंकि ऐसा करना व्यक्ति खुद मर भी दूसरे को जीवन दे जाता है. ऐसे शुभंकर मंडल (21) मर कर भी चार लोगों को जीवन दे गया है.

By AKHILESH KUMAR SINGH | July 2, 2025 1:45 AM
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संवाददाता, कोलकाता

वह ट्रेन की गेट पर खड़ा था. इस दौरान लौटते समय बेस ब्रिज के निकट वह ट्रेन से गिर गया. गवर्नमेंट रेलवे पुलिस (जीआरपी) द्वारा उसे गंभीर हालत में पीजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. उसे भर्ती कराये जाने के बाद से ही चिकित्सक शुभंकर के मस्तिष्क को गंभीर बता रहे थे. वह वेंटिलेशन पर था. इसके बाद विभिन्न जांच में उसे पहली बार 28 जून को पीजी के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने ब्रेन डेड घोषित कर दिया. इसके बाद चिकित्सकों ने मरीज के परिजनों की काउंसिलिंग कर शव के देहदान के लिए तैयार किया. गौरतलब है कि मस्तिष्क के काम न करने के बाद भी शव को वेंटिलेशन में रख कर कृत्रिम रूप से जीवित रखा गया था. सभी तरह की जरूरी कार्रवाई को पूरा करने और प्राप्तकर्ता से अंगों के मिलान के बाद सोमवार को शव के शरीर से दोनों कि़डनी, स्किन और कॉर्निया को निकाला गया.

किसे क्या मिला

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, फोर्टिस हॉस्पिटल के एक 50 वर्षीय पुरुष मरीज को एक किडनी डोनेट की गयी है. दूसरी किडनी आरएन टैगोर के 34 वर्षीय पुरुष मरीज को मिली है. शव की त्वचा को निकल कर पीजी के स्किन बैंक में रखा गया है. जबकि, दोनों कॉर्निया भी पीजी को ही मिले हैं. डोनेट किये गये अंगों को फोर्टिस और आरएन टैगोर अस्पताल तक पहुंचाने के लिए कोलकाता पुलिस द्वारा ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया था. उधर, ब्रेन डेड घोषित मृतक के शरीर से उक्त अंगों को निकालने के बाद मंगलवार दोपहर शव परिजनों को सौंप दिया गया.

पिछले सात महीने में 12 मरीजों को ब्रेन डेड घोषित किया गया.

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