घुसपैठ और मानव तस्करी रोकने के लिए सीमावर्ती स्टेशनों की सुरक्षा होगी पुख्ता कोलकाता.रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के इंस्पेक्टर जनरल (आइजी) सह प्रिंसिपल चीफ सिक्युरिटी कमिश्नर अमिय नंदन सिन्हा ने कहा है कि श्रावणी मेले के दौरान पूर्व रेलवे के स्टेशनों पर भीड़ नियंत्रण के लिए प्रयागराज में महाकुंभ आयोजन के समय प्राप्त अनुभवों का उपयोग किया जायेगा. उन्होंने कहा कि हर रेलवे जोन की अपनी सुरक्षा चुनौतियां होती हैं, लेकिन भीड़ प्रबंधन की योजनाएं एक-दूसरे से सीखकर और बेहतर की जा सकती हैं.
प्रयागराज मॉडल का इस्तेमाल
उन्होंने कहा कि महाकुंभ के दौरान प्रयागराज जंक्शन और प्रयागराज रामबाग स्टेशनों पर भीड़ नियंत्रण के लिए जो कार्य योजना अपनायी गयी थी, अब वही रणनीति जसीडीह, बासुकिनाथ, देवघर, बैजनाथ धाम और सुलतानगंज जैसे स्टेशनों पर भी लागू की जायेगी.
चेहरे की पहचान तकनीक से अपराध पर नकेल
सीमा पार गतिविधियों पर भी नजर
आइजी सिन्हा ने यह भी कहा कि चूंकि सियालदह मंडल बांग्लादेश की सीमा के पास स्थित है, इसलिए घुसपैठ और मानव तस्करी रोकने के लिए निगरानी प्रणाली को और मजबूत किया जायेगा. इसके तहत स्टेशनों की चौकसी और तकनीकी निगरानी पर विशेष ध्यान दिया जायेगा.
शहर के सीसीटीवी कैमरों से भी मदद
सुरक्षा और निगरानी प्रणाली होगी हाईटेक
उन्होंने बताया कि पूर्व रेलवे के मंडलों में अब तक शहर के कैमरों को स्टेशन की निगरानी प्रणाली से नहीं जोड़ा गया है. लेकिन अब हावड़ा, सियालदह, आसनसोल और मालदह मंडलों के सीनियर डीएससी को निर्देश दिये गये हैं कि वे स्थानीय पुलिस के कैमरों को आरपीएफ के कंट्रोल रूम से जोड़ने का प्रयास करें. इससे भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा दोनों में सहूलियत होगी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है