कलकत्ता उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने हाल ही में संदेशखाली में भाजपा के एक कार्यकर्ता की हत्या की घटना की सीबीआइ जांच का आदेश दिया था. संदेशखाली से तृणमूल कांग्रेस के पूर्व नेता शेख शाहजहां ने सीबीआइ जांच के आदेश को चुनौती देते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय की खंडपीठ का दरवाजा खटखटाया है.
By BIJAY KUMAR | July 23, 2025 10:33 PM
कोलकाता.
कलकत्ता उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने हाल ही में संदेशखाली में भाजपा के एक कार्यकर्ता की हत्या की घटना की सीबीआइ जांच का आदेश दिया था. संदेशखाली से तृणमूल कांग्रेस के पूर्व नेता शेख शाहजहां ने सीबीआइ जांच के आदेश को चुनौती देते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय की खंडपीठ का दरवाजा खटखटाया है. बुधवार को न्यायमूर्ति देबांग्शु बसाक की खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान अदालत ने मुख्य याचिकाकर्ता से पूछा कि जांच एजेंसी बदलने के बाद शेख शाहजहां को मामले में पक्षकार क्यों नहीं बनाया गया? अदालत ने पीड़ित परिवार के वकील से पूछा कि राज्य पुलिस की जांच में आरोप पत्र से शेख शाहजहां का नाम हटाये हुए दो साल बीत चुके हैं. उन्होंने पहले मामला क्यों नहीं दर्ज कराया?
इस पर मुख्य याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि शेख शाहजहां संदेशखाली का कद्दावर नेता है, इसलिए डर की वजह से वह कुछ नहीं कर पा रहे थे. इसके बाद न्यायाधीश ने याचिकाकर्ता के वकील से गुरुवार को खंडपीठ के समक्ष दलीलें पेश करने के लिए कहा है.
गौरतलब है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने संदेशखाली में भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या की सीबीआइ जांच का आदेश दिया था. आदेश में कहा गया है कि केंद्रीय जांच एजेंसी घटना की जांच के लिए तुरंत एक विशेष जांच दल (एसआइटी) का गठन करेगी. संयुक्त निदेशक के नेतृत्व में एसआइटी का गठन किया जायेगा और फिर इसकी जांच करनी होगी. मालूम हो कि 2019 के लोकसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा के बाद से संदेशखाली के भंगीपाड़ा में राजनीतिक हिंसा हुई थी. इसके बाद आठ जून को संदेशखाली में एक ही परिवार के दो भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गयी थी, जबकि परिवार का एक सदस्य अभी भी लापता है. बताया गया है कि दो भाजपा कार्यकर्ता प्रदीप मंडल और सुकांत मंडल की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. इस दौरान कयूम अली मोल्ला नामक तृणमूल के एक कार्यकर्ता की भी सिर में गोली लगने से मौत हो गयी थी. दूसरी ओर, भाजपा कार्यकर्ता के परिवार के सदस्य देवदास मंडल तब से लापता है. उस समय, पीड़ित परिवार की ओर से नैजात पुलिस स्टेशन में एक लिखित शिकायत दर्ज करायी गयी थी. उक्त शिकायत में संदेशखाली के कद्दावर तृणमूल नेता शेख शाहजहां का भी नाम था, लेकिन जब सीआइडी ने मामला अपने हाथ में लिया और अदालत में आरोपपत्र पेश किया गया, तब पता चला कि शेख शाहजहां का नाम उसमें नहीं है. घटना के चार साल बाद, मृतक की पत्नी पद्मा मंडल ने सीआइडी के आरोपपत्र को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय में मुकदमा दायर किया है, जिस पर अदालत में सुनवाई हो रही है.
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