निलंबित अधिकारियों में दो एइआरओ शामिल
चारों अधिकारियों व एक डाटा एंट्री ऑपरेटर के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने का निर्देश
चुनाव आयोग के सचिव ने पत्र में आगे कहा कि कि पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने 29 जुलाई को एक वीडियो भेजा था, जिसमें विधानसभा संख्या 137 बारुईपुर पूर्व के इआरओ और एइआरओ को वोटर लिस्ट में गलत प्रविष्टियां शामिल करने की जानकारी दी गयी थी, लेकिन बावजूद इसके ये अधिकारी आवेदन निपटाने के अपने कर्तव्य का पालन करने में विफल रहे. इसके अलावा उन्होंने इआर डेटाबेस के अपने लॉगिन क्रेडेंशियल्स अनधिकृत लोगों के साथ साझा किये. चुनाव आयोग ने बारुईपुर पूर्व के इआरओ देवोत्तम दत्ता चौधरी, एइआरओ तथागत मंडल, पूर्व मेदिनीपुर जिले में मोयना के इआरओ बिप्लब सरकार और एइआरओ सुदीप्त दास को निलंबित किया है. आयोग ने निर्देश दिया है कि इन इआरओ- एइआरओ के खिलाफ एफआइआर दर्ज करायी जाये. इसके साथ ही डाटा एंट्री ऑपरेटर सुरोजित हलदर के खिलाफ भी एफआइआर दर्ज कर कार्रवाई की जाये.
चुनाव आयोग ने कहा- अपराध सिद्ध होने पर तीन महीने से दो साल तक की कैद का है प्रावधान
केंद्रीय चुनाव आयोग के पत्र में राज्य के मुख्य सचिव को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा का हवाला देते हुए याद दिलाया गया है कि राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के साथ-साथ जिला निर्वाचन अधिकारी, निर्वाचन निबंधन अधिकारी, सहायक निर्वाचन निबंधन अधिकारी और मतदाता सूची के पुनरीक्षण या सर्वेक्षण के कार्य में शामिल सभी लोग प्रतिनियुक्ति पर चुनाव आयोग के कर्मचारी माने जाते हैं. इसलिए, वे आयोग की निगरानी, निर्देशों और नियमों के तहत काम करने के लिए बाध्य हैं. पत्र में कहा गया है कि अगर वे अपने कर्तव्यों की उपेक्षा करते हैं या आयोग के निर्देशानुसार काम नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है. पत्र में यह भी कहा गया है कि अपराध सिद्ध होने पर तीन महीने से दो साल तक की कैद का प्रावधान है.
एसआइआर केंद्र के दिमाग की उपज : ममता
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चारों अधिकारियों व एक डाटा एंट्री ऑपरेटर के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने का निर्देश
चुनाव आयोग के सचिव ने पत्र में आगे कहा कि कि पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने 29 जुलाई को एक वीडियो भेजा था, जिसमें विधानसभा संख्या 137 बारुईपुर पूर्व के इआरओ और एइआरओ को वोटर लिस्ट में गलत प्रविष्टियां शामिल करने की जानकारी दी गयी थी, लेकिन बावजूद इसके ये अधिकारी आवेदन निपटाने के अपने कर्तव्य का पालन करने में विफल रहे. इसके अलावा उन्होंने इआर डेटाबेस के अपने लॉगिन क्रेडेंशियल्स अनधिकृत लोगों के साथ साझा किये. चुनाव आयोग ने बारुईपुर पूर्व के इआरओ देवोत्तम दत्ता चौधरी, एइआरओ तथागत मंडल, पूर्व मेदिनीपुर जिले में मोयना के इआरओ बिप्लब सरकार और एइआरओ सुदीप्त दास को निलंबित किया है. आयोग ने निर्देश दिया है कि इन इआरओ- एइआरओ के खिलाफ एफआइआर दर्ज करायी जाये. इसके साथ ही डाटा एंट्री ऑपरेटर सुरोजित हलदर के खिलाफ भी एफआइआर दर्ज कर कार्रवाई की जाये.
चुनाव आयोग ने कहा- अपराध सिद्ध होने पर तीन महीने से दो साल तक की कैद का है प्रावधान
केंद्रीय चुनाव आयोग के पत्र में राज्य के मुख्य सचिव को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा का हवाला देते हुए याद दिलाया गया है कि राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के साथ-साथ जिला निर्वाचन अधिकारी, निर्वाचन निबंधन अधिकारी, सहायक निर्वाचन निबंधन अधिकारी और मतदाता सूची के पुनरीक्षण या सर्वेक्षण के कार्य में शामिल सभी लोग प्रतिनियुक्ति पर चुनाव आयोग के कर्मचारी माने जाते हैं. इसलिए, वे आयोग की निगरानी, निर्देशों और नियमों के तहत काम करने के लिए बाध्य हैं. पत्र में कहा गया है कि अगर वे अपने कर्तव्यों की उपेक्षा करते हैं या आयोग के निर्देशानुसार काम नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है. पत्र में यह भी कहा गया है कि अपराध सिद्ध होने पर तीन महीने से दो साल तक की कैद का प्रावधान है.
एसआइआर केंद्र के दिमाग की उपज : ममता
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