पार्थ चटर्जी समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की दे अनुमति

शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामला. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को दिया आदेश

By SANDIP TIWARI | May 8, 2025 10:43 PM
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शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामला. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को दिया आदेश कोलकाता. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल सरकार को राज्य में शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और अन्य पर मुकदमा चलाने की अनुमति देने का निर्देश दिया. गुरुवार को मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अगुवाई वाली पीठ ने यह भी कहा कि पार्थ चटर्जी द्वारा दायर तत्काल जमानत याचिका पर सुनवाई को 17 जुलाई तक के लिए टाल दिया. सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश सूर्यकांत ने कहा कि जमानत याचिका को सुनवाई के लिए अन्य ऐसी याचिकाओं के साथ जोड़ा जाये. गौरतलब है कि गुरुवार को पार्थ चटर्जी की जमानत मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एनके सिंह की पीठ पर हुई. मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआइ के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा भ्रष्टाचार मामले में आरोपी पार्थ चटर्जी व उनके सहयोगियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति नहीं दी जा रही है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाया कि राज्य सरकार मंजूरी क्यों नहीं दे रही है. सुप्रीम कोर्ट ने अब राज्य सरकार को निर्णय लेने के लिए समय-सीमा तय कर दी है. सीबीआइ के वकील एसवी राजू ने तर्क दिया कि कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा कई बार अनुरोध करने के बावजूद राज्य सरकार ने अब तक मंजूरी नहीं दी है. सीबीआइ वकील के बयान के तुरंत बाद न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एनके सिंह ने कहा : देखते हैं कि राज्य हमारे आदेश का पालन करता है या नहीं. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को दो सप्ताह के भीतर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी देने पर निर्णय लेने का आदेश दिया. इसके बाद निचली अदालत में मामले की ट्रायल प्रक्रिया शुरू होगी. सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 17 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 17 जुलाई को होगी. हालांकि, पार्थ चटर्जी को इडी द्वारा दर्ज मामले में पहले ही सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है. लेकिन सीबीआइ मामले में जमानत नहीं के कारण वह अभी भी जेल में बंद हैं. पार्थ चटर्जी ने सीबीआइ के मामले में भी जमानत के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. पार्थ चटर्जी सहित नौ आरोपियों की जमानत याचिका को हाइकोर्ट के न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी और न्यायमूर्ति अपूर्व सिन्हा राय की खंडपीठ ने खारिज कर दिया था. इसके बाद पार्थ चटर्जी ने हाइकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, जिस पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने यह आदेश दिया.

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