बकाया डीए नहीं देकर पूजा समितियों को अनुदान दे रही राज्य सरकार

संयुक्त मंच, जो राज्य सरकार के कर्मचारियों का प्रमुख संगठन है, का कहना है कि सरकार ने अदालत में वित्तीय तंगी का हवाला देकर डीए बकाया देने से इनकार कर दिया, जबकि उसी समय दुर्गापूजा समितियों को दिया जाने वाला वार्षिक अनुदान बढ़ाकर 1.10 लाख रुपये कर दिया गया है, जो पिछले वर्ष 85 हजार रुपये था.

By BIJAY KUMAR | August 2, 2025 10:46 PM
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कोलकाता.

राज्य सरकार द्वारा दुर्गापूजा समितियों को दिये जाने वाले अनुदान में इस वर्ष की गयी वृद्धि अब सुप्रीम कोर्ट में एक महत्वपूर्ण मुद्दे के रूप में उठ सकती है. राज्य सरकार के वर्तमान और सेवानिवृत्त कर्मचारियों द्वारा दायर की गयी अवमानना याचिका की सुनवाई चार अगस्त को उच्चतम न्यायालय में होनी है, जिसमें सरकार पर समय पर महंगाई भत्ते (डीए) का 25 प्रतिशत बकाया चुकता न करने का आरोप है.

गुरुवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दुर्गापूजा क्लबों के लिए अनुदान बढ़ाने की घोषणा की थी. इसके बाद राजनीतिक हलकों में इस फैसले पर सवाल उठने लगे हैं. विश्लेषकों का मानना है कि आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए यह आर्थिक सहायता बढ़ायी गयी है.

भाजपा ने की अनुदान राशि में वृद्धि की निंदा

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आइटी सेल प्रमुख व पश्चिम बंगाल के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक अमित मालवीय ने भी इस मुद्दे पर राज्य सरकार की आलोचना की है. उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा : शर्मनाक! पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दुर्गापूजा समितियों को दिये जाने वाले अनुदान को 85 हजार से बढ़ा कर 1.10 लाख रुपये कर दिया है. लगभग 45 हजार पूजा क्लबों को कुल 495 करोड़ रुपये वितरित की है, जबकि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि वह डीए देना वहन नहीं कर सकती.

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