कोलकाता. 27 जून तक शीर्ष अदालत ने सरकारी कर्मचारियों को 25 फीसदी डीए देने का निर्देश दे चुका है. अब इसमें पांच दिन ही बचे हैं. राज्य सरकार शीर्ष अदालत के फैसले पर कदम उठाती है या नहीं, इस पर सरकारी कर्मचारियों की निगाहें टिकी हैं. सरकारी कर्मियों का कहना है कि कुछ दिनों में ही राज्य सरकार विज्ञप्ति जारी कर डीए देने के अपने फैसले की घोषणा कर सकती है. डीए मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने शीर्ष अदालत को बताया था कि यदि सरकारी कर्मचारियों का कुल डीए 11890 करोड़ 18 लाख रुपये, पेंशनधारियों का 11611 करोड़ 45 लाख रुपये, शिक्षक, नगरपालिका, पंचायत सहित स्वशासित संस्था व राज्य सरकार द्वारा परिचालित संस्था के कर्मियों का 18 हजार 369 करोड़ 32 लाख रुपये बकाया है. राज्य सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत से कहा था कि कुल डीए 40 हजार करोड़ से ज्यादा बकाया है. यदि पूरा डीए देना पड़े तो राज्य सरकार की आर्थिक दशा खराब हो जायेगी. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने 27 जून तक 25 फीसदी चुकाने का निर्देश दिया. इसमें सरकार को लगभग 10 हजार 425 करोड़ रुपये देने पड़ेंगे. मामलाकर्ता कंफेडरेशन ऑफ स्टेट गवर्नमेंट एम्प्लाइज यूनियन के महासचिव मलय मुखर्जी ने कहा कि हमें उम्मीद है कि शीर्ष अदालत ने जो निर्देश दिया है, राज्य सरकार उसका पालन करेगी. उन्होंने कहा कि कुछ दिनों में यदि सरकार कोई फैसला नहीं लेती है, मुख्य सचिव को इमेल किया जायेगा. इसके बाद अदालत के अवमानना का मामला दर्ज करेंगे. उन्होंने कहा कि अगले शुक्रवार तक सरकार को इस बारे में अपने फैसले की घोषणा करनी होगी. राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि राज्य सरकार इस समय सरकारी कर्मियों में जो इस समय कार्यरत हैं, डीए का 25 फीसदी राशि उनके जनरल प्रोविडेंट फंड में जमा करने पर विचार कर रही है. इसकी वजह बतायी जा रही है कि अतिरिक्त राशि कर्मचारियों के हाथ में नहीं देकर सरकार के घर में ही जमा रहेगी. जो लोग रिटायर हुए हैं, उक्त कर्मियों के पेंशन अकाउंट में बकाया डीए राशि जमा कर दी जायेगी. यदि यह कारगर हुआ, तो सरकार पर फिलहाल आर्थिक बोझ कुछ कम होगा. इससे अदालत के निर्देश का पालन भी होगा. पिछले सप्ताह कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने आला अधिकारियों से डीए को लेकर चर्चा की थी. हालांकि अभी तक सरकार ने डीए देने को लेकर कोई विज्ञप्ति जारी नहीं की है. सोमवार को विधानसभा के सत्र में मुख्यमंत्री के शामिल होने की संभावना है. नेताजी सुभाष पश्चिम बंग खेल विश्वविद्यालय को लेकर पेश होने वाले विधेयक पर वह अपनी बात रख सकती हैं. सरकारी कर्मियों का कहना है कि इस दौरान सीएम डीए को लेकर कुछ संकेत दे सकती हैं. राज्य के वित्त विभाग के सूत्र ने बताया कि डीए का भुगतान करने के लिए सरकार रुपये का जुगाड़ करने में लगी है. जब तक रुपये का जुगाड़ नहीं हो जाता है, सरकारी तौर पर कोई विज्ञप्ति जारी नहीं की जा सकती है. जब फैसले पर अमल करने का समय आयेगा, तो विज्ञप्ति के माध्यम से इसकी जानकारी दी जायेगी. सरकारी कर्मी इस विज्ञप्ति का इंतजार कर रहे हैं.
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