संवाददाता, कोलकाता
शनिवार की शाम राज्यपाल सीवी आनंद बोस द्वारा लिखित नाटक के मंचन के अवसर पर राजभवन मनमोहक नृत्यों और बॉलीवुड के हिंदी गानों से सराबोर था. राजभवन के ऐतिहासिक संगोष्ठी कक्ष में राज्यपाल सीवी आनंद बोस द्वारा लिखित नाटक ””चौरंगी का फूल”” का मंचन किया गया. नाटक से केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के अधीन इजेडसीसी की पूर्वी शाखा भी जुड़ी रही. कलाकारों में प्रदेश भाजपा की नेता शर्वरी मुखर्जी शामिल रहीं. बड़ी संख्या में दर्शक भी मौजूद रहे. इस दौरान अभिनय जगत की मुनमुन सेन और रितुपर्णा सेनगुप्ता विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं. दर्शकों की पहली पंक्ति में राज्यपाल और उनकी पत्नी के बगल में बैठीं दो अभिनेत्रियों को लेकर भी दर्शक कम उत्साहित नहीं थे. राज्यपाल के विशेष निमंत्रण पर लगभग 30 साल बाद राजभवन में कदम रखने वालीं मुनमुन सेन ने नाटक पर कोई टिप्पणी नहीं की. रितुपर्णा सेनगुप्ता ने भी टिप्पणी करने से इनकार किया.
मुनमुन सेन ने मीडिया से कहा : जब मैं स्कूल में थी, तब राजभवन में राज्यपाल के एडीसी को जानती थी. मैं लगभग 30 साल बाद फिर आयी. मैं यहां नाटक देखने आयी थी. बता दें कि हाल ही में शारीरिक अस्वस्थता के बाद राज्यपाल ने कथित तौर पर साहित्यिक लेखन की ओर अपना ध्यान केंद्रित किया है. इसी राह पर चलते हुए उन्होंने कोलकाता के सामाजिक जीवन पर आधारित नाटक ””चौरंगी का फूल”” लिखा, जिसका मंचन किया गया. राजभवन में नाटक मंचन के दौरान नृत्य व फिल्मी गीतों को लेकर सवाल भी उठा.
इस पर राजभवन के एक अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया कि आपको याद रखना होगा कि ब्रिटिश काल में इस भवन को ””लाट भवन”””” कहा जाता था. लाट साहब के घर में नाच-गाना होता रहा है.
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